भोपाल। मानव अधिकार हनन से जुड़े 5 मामलों में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मंगलवार को ग्वालियर सेंट्रल जेल से इलाज को आये एक कैदी किशन की मौत पर पुलिस कर्मचारियों द्वारा भी शव वाहन का इंतजाम करने से इंकार कर देने पर आयोग ने जेल विभाग के पुलिस महानिदेशक अन्य संबंधितों से घटना का प्रतिवेदन एवं सम्पूर्ण रिकार्ड तत्काल तलब किया है। सिंगरौली जिले के ग्राम दुधमनिया निवासी रामानन्द प्रजापति द्वारा जमीन के विवाद को लेकर उसके गुहार पर पुलिस द्वारा बेरुखी तथा थाने के सामने आत्महत्या के मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक से दो सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
इसके साथ भोपाल शहर के मंगलवारा थाना क्षेत्र में रहने वाली बुजुर्ग विधवा महिला रामकुंवर बाई की व्यथा पर आयोग ने कलेक्टर से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। इसी तरह छदवाड़ा जिले के मऊआटोला निवासी किशोर मवासी की पत्नी सतिया बाई को बीते सोमवार की रात 2 बजे प्रसव की वेदना पर परिजनों ने 108 वाहन को फोन किया, लेकिन कई घंटे बाद भी नहीं पहुंचा। ऐसे में घर पर ही डिलेवरी हो गई और प्रसूता ने दम तोड़ दिया। बाद में परिजन नवजात को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां कुछ देर बाद उसकी भी जान चली गई। इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
इसी प्रकार राजगढ जिले में नरंसिंहगढ ब्लॉक के ग्राम रंजितपुरा निवासी गर्भवती महिला सुलकाबाई पत्नी ओम दांगी को बीते सोमवार को सिविल अस्पताल ब्यावरा लाया गया। जहां चिकित्सक एक्सपायरी डेट की बॉटल लगा दी। आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पूर्ण मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही एवं मरीज के स्वास्थ्य में प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।