उत्तर प्रदेश के कानपुर में रविवार रात हुए एक हादसे में प्रयागराज से उरई जा रही रोडवेज बस में सवार जालौन के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग अलख प्रकाश खरे के सीने में लोहे की रॉड आर-पार हो गई। खून बहता देख और सीने में रॉड घुसी देख लोगों के होश उड़ गए। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस से घायल बुजुर्ग को हैलट अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने लगभग 3 घंटे चले जटिल ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग के सीने में घुसी लोहे की रॉड को सफलता पूर्वक निकाला जा सका।
प्रयागराज से उरई जा रही रोडवेज बस में जालौन के रहने वाले बुजुर्ग अलख प्रकाश यात्रा कर रहे थे। शाम करीब साढ़े सात बजे बस कानपुर के विजयनगर चौराहे पर पहुंची हुई थी कि अचानक तेज रफ्तार अनियंत्रित बस डिवाइडर से टकरा गई। डिवाइडर से टक्कर लगते ही बस की सीट में लगी लोहे की रॉड बुजुर्ग अलख प्रकाश के सीने में घुसकर पीछे पीठ की तरफ से बाहर निकल गई।
सूचना के बाद मौके पर पहुंची 108 एंबुलेंस से घायल बुजुर्ग को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल की ऐसी हालत देख जूनियर डॉक्टरों ने मामले की जानकारी डॉक्टर आरके सिंह को दी। जिस पर वह अपनी टीम के अन्य डॉक्टरों के साथ वहां पहुंच गए। घायल को देखने के बाद तय हुआ कि उसका ऑपरेशन करना होगा। डॉ। आरके वर्मा के साथ डॉ। प्रिय शुक्ला, डॉ। प्रेम शंकर, डॉ। नीरज सिंह, डॉ। स्वाती, डॉ। यामिनी, डॉ। अनवर ने ऑपरेशन शुरू किया। रात होने के चलते डॉक्टरों को रॉड काटने के लिए कटर नहीं मिल रहा था। बाद में प्रयास कर एक प्लंबर से कटर मंगवाकर सीने में घुसी लोहे की रॉड को काटकर निकाला गया।
डॉ। आरके सिंह ने बताया कि जब घायल बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया था, तो उनकी हालत बहुत ही सीरियस थी। शरीर में आरपार रॉड को सही से बाहर निकालना और बुजुर्ग की जान बचाना दोनों ही बहुत ही चुनौती पूर्ण था। लगभग तीन घंटे तक डॉक्टरों की टीम ने मेहनत कर मरीज की जान भी बचाई और रॉड को सफलता पूर्वक निकाला। बुजुर्ग को अब आईसीयू में रखा गया है और जहां उनकी हालत सामान्य है।