वॉशिंगटन। क्या ऐसे समाज की कल्पना की जा सकती है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा या बहुत कम लोग आपसे सहमत हों। यह मुश्किल है, लेकिन अमेरिका में ऐसा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहां इन दिनों मिडटर्म चुनाव की गतिविधियां तेज हैं, इसमें मतदाता दोनों सदनों के लिए अतिरिक्त उम्मीदवारों चुनते हैं। दोनों दल मतदाताओं को लुभाने के लिए रोचक तरीके अपना रहे हैं। इसके लिए वे एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपब्लिकन के कई उम्मीदवार राष्ट्रपति ट्रंप की तरह अपने एप बनवा चुके हैं। वे उसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बातें पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनाव गतिविधियों में लिप्त
इन दिनों हजारों अमेरिकी नागरिक चुनावी गतिविधियों में लिप्त हैं। कोई प्रचार कर रहा है, तो कोई सभा संबोधित कर रहा है। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के अपने वाररूम हैं। नेताओं ने अपने करीबियों को ज्यादा लोग जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है। वे एप का प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि एप पर रोज के अपडेट, अलर्ट, कार्यक्रम आदि मिल रहे हैं। ये एप डाउनलोड करने के लिए मतदाताओं से उनके क्षेत्र का नाम, पिन कोड, उम्र आदि पूछी जा रही है। डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों ने कम एप बनवाए हैं। उनमें मिनिवैन प्रमुख है। यह दल प्रत्येक यूजर को संदेश भेजकर अपनी बात पहुंचा रहा है। कई रिपब्लिकन उनकी इस रणनीति से चिढ़ते हैं, क्योंकि ओबामा को ऐसे ही एप से उन्हें सफलता मिली थी।
सोशल नेटवर्किंग एप को नुकसान
चुनावी उम्मीदवारों के एप से फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को नुकसान हो रहा है। क्योंकि, चुनावी एप के कारण सोशल नेटवर्किंग के एप का इस्तेमाल कम हो गया है। नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने एप में वीडियो गेम, चैटिंग, शेयरिंग, इमोजी, पॉइंट हासिल करने और संदेश शेयर करने की सुविधा दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने 2016 के चुनाव में अपने एप बनवाए थे, जिनमें ग्रेट अमेरिका और अमेरिका फर्स्ट प्रमुख हैं। इन एप के कुछ फीचर आज भी सक्रिय हैं।