ज्यूरिख। स्विट्जरलैंड के सेंट गैलेन प्रांत में मतदाताओं ने दो तिहाई बहुमत से चेहरे को हिजाब से ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसा करने वाला यह दूसरा स्विस प्रांत बन गया है। यूरोप में नकाब और बुर्का जैसे चेहरे को पूरी तरह ढंकना एक ध्रुवीकरण मुद्दा है। कुछ लोग कहते हैं कि ये महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का प्रतीक है और उन्हें गैर कानूनी घोषित किया जाना चाहिए।
फ्रांस और डेनमार्क ने पहले से ही चेहरे को ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र की स्विस प्रणाली के तहत उत्तर पूर्व प्रांत के मतदाताओं ने अपने चेहरे को ढंकने वाले लोगों, 'जो सार्वजनिक सुरक्षा या धार्मिक या सामाजिक शांति को खतरे में डालते हैं' के खिलाफ कानून को सख्त बनाने की मांग की थी। क्षेत्रीय सरकार, जिसने इस उपाय का विरोध किया था, को अब मतदान के परिणाम को लागू करना होगा। मतदान में लगभग 36 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया।
स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े इस्लामी संगठन, इस्लामी सेंट्रल काउंसिल ने सिफारिश की कि महिलाएं अपने चेहरों को कवर करना जारी रखें। गत जून में स्विस संघीय सरकार ने चेहरे को ढंकने पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध के लिए एक जमीनी अभियान का विरोध किया था। स्विस कैबिनेट ने कहा कि अलग-अलग कैंटों (प्रांतों) को इस मामले पर फैसला करना चाहिए, लेकिन देशभर में कार्यकर्ताओं ने जनमत संग्रह के लिए आवश्यक 100,000 हस्ताक्षरों से अधिक एकत्रित किए जाने के बाद राष्ट्रव्यापी मतदान कराना होगा।
स्विट्जरलैंड के 80 लाख 50 हजार निवासियों में से दो तिहाई ईसाई हैं। लेकिन पूर्व के यूगोस्लाविया से आप्रवासियों के आने की वजह से इसकी मुस्लिम आबादी पांच प्रतिशत तक बढ़ी है। इतालवी बोलने वाले टिसिनो नामक एक स्विस प्रांत में पहले से ही ऐसा प्रतिबंध लागू है, जबकि दो अन्य ने इसे खारिज कर दिया है।