वाशिंगटन। अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कश्मीर में हो रही प्रगति स्वीकारने में काफी कठिनाई हो रही है। श्रृंगला ने न्यूयार्क टाइम्स में एक लेख में कहा है ‘‘कश्मीर के बारे में अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और भारत सरकार अब और अधिक समद्ध कश्मीर के निर्माण पर ध्यान दे रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करने मे काफी कठिनाई हो रही है कि कश्मीर अब प्रगति तथा विकास की राह पर आ गया है और भारत सरकार ने एक बहुत ही पुराने तथा अस्थायी प्रावधान को समाप्त कर दिया है जिसने वहां को अवरूद्ध को कर दिया था।’’
उन्होंने लिखा है‘‘ प्रधानमंत्री इमरान खान के दौर में पाकिस्तान की जनता आर्थिक मंदी के दौर में जी रही है और वहां मुद्रा स्फीति पांच वर्षों में सबसे अधिक हो गई है तथा राष्ट्रीय कर्ज सकल घरेलू उत्पाद को पार कर गया है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को 22वीं बार वहां के लिए पैकेज देना पड़ा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि खान को अपने देश की अर्थव्यवस्था को मिट्टी में मिला देने का अधिकार है लेकिन पड़ोसी देश के एक प्रांत में इसी तरह की बर्बादी की उनकी प्रतिबद्धता को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुनौती देनी चाहिए।’’ लेख में कहा गया है ‘‘अनुच्छेद 370 की वजह से भारत सरकार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा, विदेश, वित्त , विदेशी मामलों और संचार जैसे विषयों के अलावा किसी और मसले पर हस्तक्षेप का अधिकार नहीं था और इसी की वजह से वह प्रांत आर्थिक वृद्धि दर, रोजगार , भ्रष्टाचार से लड़ने , लैंगिक समानता, शिक्षा और कईं अन्य सूचकांकों में देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी पिछड़ गया था।’’