मॉस्को। कतर एक जनवरी से आधिकारिक रूप से तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) से बाहर हो गया है, करीब एक महीने पहले उसने उत्पादक संघ से हटने को लेकर सूचना दे देते हुए कहा था कि वह प्राकृतिक गैस उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इस आशय की घोषणा तीन दिसंबर को कर दी गयी थी। यह कदम उस वक्त उठाया गया जब खाड़ी देशों तथा अरब प्रांतों में शामिल यूनाइटेड अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन और मिस्र ने उसके खिलाफ कूटनीतिक एवं आर्थिक प्रतिबंध लगाया हुआ है। उनका कहना है कतर आतंकवाद का समर्थन करता है और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है। कतर ने उनके इन आरोपों का कड़ा विरोध किया है।
कतर ने कहा कि ओपेक से हटने का उसका फैसला राजनीति से प्रेरित नहीं, बल्कि यह तकनीकी रूप से उठाया गया कदम है। कतर के ऊर्जा मंत्री साद शेरीदा ने इस फैसले को विश्वसनीय वैश्विक ऊर्जा आपूर्तिकर्ता देश बनने को लेकर उठाया गया कदम बताया। कतर 1961 में ओपेक में शामिल हुआ था। वह विश्व का सबसे बड़ा तरल प्राकृतिक गैस उत्पादक है।