नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने आज राज्यसभा में कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति वास्तव में ही गंभीर हैं तो उन्हें बिना किसी देरी के महिला आरक्षण विधेयक संसद में लाना चाहिए वरना महिला सशक्तिकरण का ढोल पीटना बंद करना चाहिए। पार्टी ने चुनावों में व्यापक सुधारों की बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कॉलेजियम के माध्यम से करने , मशीन के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने और चुनावों के लिए सरकारी खर्च की व्यवस्था करने का सुझाव दिया।
पार्टी ने आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी निरंतर बढ रही है और अर्थव्यवस्था बदहाल है। उसने मीडिया प्रतिष्ठानों के मालिकों से लोकतंत्र को बचाने में भागीदारी का आहृान किया। राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण का बहुत ढिंढोरा पीटा जाता है लेकिन क्या वह इस बात को झुठला सकती है कि देश में हर दस महिलाओं में से 7 एनिमीया से पीड़ति हैं।
लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 14 फीसदी है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का बजट केवल 650 करोड़ रूपये है जबकि केवल पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने कन्याश्री योजना के तहत 7000 करोड़ रूपये का बजट रखा है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लंबे समय से संसद में लंबित है और सरकार उसे पारित नहीं कराना चाहती। यदि सरकार वास्तव में महिलाओं का सशक्तिकरण करना चाहती है तो प्रधानमंत्री को इस विधेयक को तुरंत संसद में लाना चाहिए और सदस्य रात भर बैठकर इस विधेयक को पारित करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें महिला सशक्तिकरण पर एक भी शब्द नहीं बोलना चाहिए।