नई दिल्ली। अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत विनायक बनर्जी ही वह शख्स थे जिन्होंने 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना को शामिल किये जाने की सलाह दी थी। वर्ष 1961 में कलकत्ता में जन्मे बनर्जी ने साउथ प्वाइंट स्कूल एंड प्रेसीडेंसी कालेज से 1981 में अर्थशास्त्र में स्रातक की पढ़ाई पूरी की। इसके दो साल बाद 1983 में उन्होंने दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्रातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्ष 1988 में वह अर्थशास्त्र में पी.एच.डी. की डिग्री के लिए हार्वर्ड चले गये।
पी.एच.डी. के लिए उनके थीम ‘इजी इन इनफारमेशन इकोनोमिक्स’थी। वह मैसाचुयेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी संस्थान में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर तथा अब्दुल लतीफ जमील पावर्टी एक्शन लैब के सह-संस्थापक भी हैं। बनर्जी ब्यूरो फॉर रिसर्च इन इकोनोमिक एनालिसिस ऑफ डेवलपमेंट के अध्यक्ष और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनोमिक रिचर्स के शोध सहयोगी भी रहे। उनके कार्यों का मुख्य केंद्र विकासात्मक अर्थशास्त्र रहा है। वर्ष 2014 में वह अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंस के फेलोशिप के लिए चुने गये। वह 2009 में अर्थशास्त्र के समाज विज्ञान श्रेणी में इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित हुए।
वर्ष 2016 में बनर्जी को वर्ल्ड इकोनोमी के लिए केइल इंस्टीट्यूट से बर्नहार्ड-हार्म्स पुरस्कार हासिल हुआ। उन्होंने 2019 में रिडिजायनिंग सोशल पॉलिसी पर एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया के 34वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। गौरतलब है कि वर्ष 2019 का अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों अभिजीत बनर्जी, इश्तर डूप्लो और माइकल क्रेमर को दिया गया है। इन तीनों को दुनिया भर में गरीबी दूर करने में काम आने वाली शोध के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। बनर्जी की ही एक शोध पर देश में दिव्यांग बच्चों की स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया गया है। इसका लाभ करीब 50 लाख बच्चों को मिला है।