मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा होती है...इन दिन हनुमान जी के भक्त उनका पूजा कर उनसे आर्शीवाद लेते हैं। बता दें कि मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ बहुत ही महत्व रखता है। सुन्दरकाण्ड रामचरित मानस के सात कांडों में से एक काण्ड है। इसमें हनुमान जी द्वारा सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन किया गया है। इसमें दोहे और चौपाइयां विशेष छंद में लिखी गयी हैं।
अगर जीवन में बाधाएं बढ़ती जा रही हों। अगर ग्रहों के कारण विशेषकर शनि और मंगल के कारण, संघर्ष करते ही चले जा रहे हैं। अगर शत्रु और विरोधी समस्यांए पैदा करते जा रहे हैं आग्र अगर मुकदमें, दुघटना या शल्य चिकित्सा से परेशान हैं तो सुन्दरकाण्ड का पाठ करना बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं।
सुन्दरकाण्ड का पाठ मंगलवार और शनिवार को करना बहुत ही शुभकारी माना जाता हैं वही बेहतर होगा अगर इसका पाठ संध्याकाल में करें। वही हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। उन्हें लाल पुष्प और मिठाई का भोग लगाएं। वही पहले भगवान श्री राम का स्मरण करें उसके बाद हनुमान जी को प्रणाम करके सुन्दरकाण्ड का आरम्भ कर सकते हैं।
पाठ के अंत में हनुमान जी की आरती करें। पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण करें। वही जिन दिनों सुन्दरकाण्ड का पाठ करें उन दिनों में या तो उपवास रखें या फिर सात्विक आहार ग्रहण करें।
सुन्दरकाण्ड के पाठ में किन किन सावधानियों का पालन करें?
- जिन दिनों सुन्दरकाण्ड का पाठ करें, उन दिनों में या तो उपवास रखें या सात्विक आहार ग्रहण करें।
- पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- बिना श्री राम की पूजा के इसके पाठ की शुरुआत न करें।
- जितने भाव से और अर्थ से इसका पाठ करेंगे, उतनी ही ज्यादा ये पूजा फलदायी होगी।