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पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने तोड़ी चुप्पी, कहा- खोलूंगा राम रहीम के राज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 16 2017 11:05AM | Updated Date: Sep 16 2017 6:13PM
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पंचकूला। सीबीआई कोर्ट में राम रहीम के खिलाफ जहां सुनवाई चल रही है, वहीं गुरमीत राम रहीम सिंह का पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह फिर से राम रहीम के खिलाफ गवाही देने को तैयार हो गया है। खट्टा सिंह ने गवाही देने के लिए कोर्ट में अपील दायर की है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक टाल दी है। उसी दिन कोर्ट तय करेगा कि खट्टा सिंह को गवाही देनी है या नहीं। खट्टा सिंह ने बताया कि आज सुनवाई के दौरान राम रहीम हाथ जोड़े खड़ा रहा। वह काफी हताश और निराश था। खट्टा के मुताबिक पहले और अब में राम रहीम में बहुत फर्क नजर आया। जो राम रहीम पहले नाचता था वह अब सहमा नजर आया।

डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्‍या के दो मामलों में पंचकूला सीबीआई कोर्ट में शनिवार को आखिरी सुनवाई शुरू होनी हैं। इसे देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई है। पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की  टुकड़ियों को तैनात किया गया है।

राम रहीम वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए आज रोहतक जेल से सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश होगा। सीबीआई की अदालत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्‍या मामले की सुनवाई कर रही है। इन मामलों में दोषी पाए जाने  पर उम्रकैद या मृत्‍युदंड की सजा दी जा सकती है। 

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने बताया कि इन मामलों की सुनवाई से पहले सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़़ियों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल राम रहीम रोहतक जेल में बंद है। लिहाजा उसके खिलाफ सुनवाई जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।
 
पत्रकार रामचंद्र हत्‍या मामला 
साध्वियों से बलात्कार के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वह रोहतक जेल में बंद है। सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि हत्या के दो मामलों में अंतिम जिरह आज शुरू होगी।
 
24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवम्बर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी। उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था, जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में साध्वियों का यौन उत्पीड़न होता था।
 
रणजीत सिंह हत्‍या मामला 
दूसरा मामला 10 जुलाई 2002 का है, जब डेरा प्रबंध समिति सदस्य रहे रणजीत सिंह की हत्या की गई थी। दरअसल, डेरा प्रबंधन को रंजीत सिंह पर साध्वी का पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का शक था। हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवंबर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
 
हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोप पत्र दाखिल किया था। इन दोनों ही मामलों में 16 सितम्बर 2017 को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई होनी है। इन मामलों में गुरमीत राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर सीबीआई ने नामजद किया है।
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