नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को नैनीताल जनपद के लालकुआं में 489 बीघा सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने के मामले में छह लोगों को नोटिस जारी किया है। न्यायालय जमीन की बिक्री एवं खरीदने की प्रक्रिया पर पहले ही स्थगनादेश जारी कर चुका है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आज जमीन के खरीददारों और बेचने वाले सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।
यह जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव सिंह बिष्ट ने दी। उन्होंने बताया कि लालकुआं तहसील के भवानीपुर हरसिंह गांव में 489 बीघा सरकारी भूमि है। बिष्ट ने बताया कि यह भूमि सरकारी कब्जे में है। उसके बावजूद जमीन को पन्नाजीवनलाल नामक महिला की ओर से बेचने की कोशिश की जा रही है। पांच लोगों को जमीन बेच दी गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 इलाहाबाद उच्च न्यायालय भी इस जमीन को लेकर सरकार के पक्ष में अपना फैसला दे चुका है।
इसके बावजूद जमीन को खुर्दबुर्द करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले को सुनने के बाद आज सभी खरीददारों और बेचने वालों को नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय इस जमीन की बिक्री एवं खरीदने की प्रक्रिया पर विगत 23 जुलाई 2019 को स्थगनादेश जारी किया है।