शिमला। हिमाचल प्रदेश में 19 मई को मतदान के दिन लापरवाही बरतने के मामले में चौबीस चुनाव कर्मियों को निलंबित कर उनसे जबाव तलब किया है। इसमें पांच प्रिसाइडिंग अफसर शामिल हैं। यह फैसला चुनाव आयोग ने लिया है । ज्ञातव्य है कि तीन बार प्रशिक्षण देने के बावजूद लापरवाही की गई है। इनमें सबसे भयंकर चूक नालागढ़ के मतदान केंद्र-47 कश्मीरपुर की पोलिंग पार्टी ने की है। इस मतदान केंद्र पर पोलिंग पार्टी ने 36 वोट पड़ जाने के बाद ईवीएम से सभी वोट डिलीट कर दिए। इसके चलते इस मतदान केंद्र पर तैनात किए गए चारों कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन के साथ और बड़ी कार्रवाई संभव है। जांच में पाया गया है कि कश्मीरपुर मतदान केंद्र में मॉकपोल के 50 वोट डाले गए थे। इन्हें डिलीट किए बिना पोलिंग पार्टी ने मतदान प्रक्रिया शुरू कर दी। करीब डेढ़-दो घंटे बाद ईवीएम में 86 वोट दर्ज हो गए। इसके बाद पोलिंग पार्टी को समझ आया कि इसमें 36 वोट वास्तव में कास्ट हुए हैं और 50 मॉकपोल के हैं। इस भयंकर चूक की सूचना उच्चाधिकारियों को दिए बिना पोलिंग पार्टियों ने सभी 86 वोट डिलीट कर दिए।
इस कारण इस पोलिंग पार्टी के खिलाफ जांच के बाद बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसी तरह चार अन्य मतदान केंद्रों में तैनात पोलिंग पार्टियां मॉकपोल के वोट डिलीट करना भूल गई। इनमें मंडी संसदीय क्षेत्र के नाचन विधानसभा क्षेत्र के तहत मतदान केंद्र संख्या 44 हरवाहनी तथा सलवाहन-18 में पोलिंग पार्टियों ने कोताही की है। इसके अलावा सरकाघाट के पोलिंग स्टेशन नंबर-65 चैक और कुल्लू जिला के मतदान केंद्र संख्या-38 ढालपुर में मॉकपोल के वोट डिलीट नहीं किए थे। बिलासपुर जिला के भगेड़ मतदान केंद्र में मतदान की पूर्व संध्या पर तैनात पोलिंग पार्टी ने ईवीएम की सील तोड़ दी थी। पोलिंग पार्टी ने 18 मई की शाम को ही मतदान केंद्र पर ईवीएम को जोड़कर मतदान के लिए पूर्व संध्या में कमर कस ली थी। चुनाव निर्वाचन अधिकारी नीरज शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि 24 मतदान अधिकारियों के निलंबन के आदेश दिए और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसकी पूरी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी। अब आयोग इन मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने को लेकर फैसला ले सकता है।