श्रीनगर। अलगाववादी संगठनों के नेताओं के समूह जेआरएल ने जम्मू-कश्मीर लिब्ररेशन फ्रंट पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ रविवार को बंद का आव्हान किया है। जेआरएल के प्रवक्ता ने शनिवार को बयान जारी करके प्रतिबंध के खिलाफ हड़ताल करने का आव्हान करते हुए कहा कि जेकेएलएफ कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष में शामिल था। उन्होंने आरोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी की तरह जेकेएलएफ पर प्रतिबंध का एकमात्र मकसद कश्मीर के लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने यासिन मलिक द्वारा संचालित जेकेएलएफ को गैर-कानूनी संस्था करार देते हुए उस पर गैर-कानूनी गतिविधि निरोधक कानून 1967 के तहत कल प्रतिबंध लगा दिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले के बाद मलिक को लोक सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया था। पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवाद द्वारा किये गये इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे और 40से अधिक घायल हो गये। पुलवामा हमले के बाद हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों घड़ों और जमात-ए-इस्लामी के करीब 200 नेता और कार्यकरर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।