नई दिल्ली। पूर्व खेल मंत्री एवं ओलंपिक रजत पदक विजेता राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने बुधवार को कहा कि भारत 2032 तक ओलंकपिक खेलों में 100 पदक जीतने में सक्षम है। राठौर ने लोकसभा में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय से संबद्ध अनुदान माँगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुये कहा, ‘‘वर्ष 2032 तक हमें 100 ओलंपिक मेडल का लक्ष्य रखना चाहिये और हम उसे हासिल कर सकते हैं।’’ उन्होंने सरकार को सलाह दी कि राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) के बोर्ड में देश के 10 बड़े कॉर्पोरेट घरानों के प्रमुखों को लंबे समय के लिए नियुक्त करना चाहिए।
उनसे 100-100 करोड़ रुपये का योगदान देने के लिए कहा जा सकता है। इस प्रकार आसानी से एक हजार करोड़ रुपये की राशि कोष के लिए जुटायी जा सकती है। खास बात यह है कि इस कोष में जितना पैसा कॉर्पोरेट से आता है सरकार भी उतना ही पैसा देती है। इस राशि का उपयोग प्रशिक्षण और खिलाड़यिों के लिए सुविधाओं के विकास में किया जाता है। निशानेबाजी में 2004 एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले राठौर ने कहा कि भारत में प्रतिभा है, लेकिन उसे मंच देना जरूरी है। ‘
खेलो इंडिया’ के जरिये मोदी सरकार वहीं काम कर रही है। आज से 10 साल बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतने वाला हर खिलाड़ी इसी ‘खेलो इंडिया’ से निकली हुई प्रतिभा होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार हम कह सकते हैं कि खेलों पर फोकस आया है और खिलाड़यिों को मान-सम्मान दिया जा रहा है। पहले कहावत थी ‘‘...खेलोगे-कूदोगे, होगे खराब।’’ आज यह सोच बदल गयी है। अब लोग कहते हैं ‘‘खेलोगे-कूदोगे बनोगे लाजवाब।’’ पहले खेल संघ हर बात पर कहता था कि पैसे नहीं हैं। अब हम कहते हैं कि खिलाड़यिों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है।