नई दिल्ली। बिटकॉइन की कीमत 5 हजार डॉलर से नीचे आ गई। अक्टूबर 2017 के बाद पहली बार इतनी गिरावट देखी गई है। इस वजह से सभी बिटकॉइन की कुल कीमत 87 बिलियन डॉलर यानी करीब 6 लाख करोड़ से नीचे आ गई है। कुछ जानकारों ने इस गिरावट के लिए क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में मची उथल-पुथल को जिम्मेदार माना है।
बाजार की ये हालत डिजिटल ऐसेट्स में गिरावट के चलते हो रही है। बिटकॉइन एक्सचेंज कराकेन ने एक ब्लॉग पोस्ट में बिटकॉइन कैश के दो नए रूपों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है। आज से ठीक एक साल पहले नवंबर 2017 में बिटकॉइन की कीमत करीब 20 हजार डॉलर पर थी यानि करीब 75 फीसदी की गिरावट हुई है।
अर्थशास्त्री नौरिएल रुबिनी जैसे जानकारों ने पहले ही बिटक्वाइव के दिन ढलने की भविष्यवाणी कर दी थी लेकिन तब बिटकॉइन की ऊंची कीमतों से उत्साह में भरे निवेशकों को लगता था कि वो इस निवेश के जरिए चांद तक अपनी लैंबॉर्गिनी ले जा सकेंगे लेकिन अब बिटकॉइन की हालत खस्ता होने की ओर है। हालांकि बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए वजह सिर्फ़ एक ही नहीं होती है। बिटकॉइन की कीमत बीते हफ़्ते में ही करीब 50 फीसदी नीचे गिरी थी। इसमें कुछ बातों को समझना बेहद जरूरी है।
शुरूआत में कहा गया था कि 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं हो सकते हैं, जिसे पुख़्ता और स्थायी करेंसी माना जा सकता है लेकिन किसी ने भी इस पर गौर नहीं किया कि अगर आप एक क्रिप्टो करेंसी की शुरूआत करेंगे तो कई नई दर्जनों क्रिप्टो करेंसीज की शुरूआत हो सकती है।