वॉशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नवनियुक्त प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिवा ने कहा है कि आर्थिक संकट के जोखिमों और मंदी की स्थिति से निपटने में राष्ट्रों की मदद करना उनकी तात्कालिक प्राथमिकता होगी। आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने बुधवार को श्रीमती जॉर्जिवा की नियुक्ति पर अपनी मुहर लगाई थी। उनकी नियुक्ति 01 अक्टूबर से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल पाँच साल का होगा।
वह बुलगारियाई नागरिक हैं और आईएमएफ के इतिहास में यह पहली बार है जब विकसित देशों से बाहर को कोई व्यक्ति शीर्ष पर नियुक्त किया गया है। श्रीमती जॉर्जिवा ने अपने चयन के बाद एक बयान जारी कर कहा,‘‘ऐसे समय में आईएमएफ का नेतृत्व करना एक बड़ी चुनौती है जब वैश्विक आर्थिक विकास निराशाजनक है, व्यापार तनाव का दौर है और ऋण ऐतिहासिक उच्च स्तर पर हैं।
हमारी तात्कालिक प्राथमिकता संकट के जोखिम को कम करने में सदस्य राष्ट्रों की मदद करना और मंदी से निपटने के लिए उन्हें तैयार करना है। इन सबके बावजूद हमें लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए दीर्घकालिक उद्देश्यों पर भी नजर टिकाये रखना होगा। इसमें असमानता, जलवायु परिवर्तन के जोखिम और प्रौद्योगिकी के तेज बदलावों से निपटना शामिल है।’’
श्रीमती जॉर्जिवा जनवरी 2017 से विश्व बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। वह श्रीमती क्रिस्टिन लगार्ड का स्थान लेंगी जिन्होंने यूरोपीय केंद्रीय बैंक का अध्यक्ष चुने जाने के बाद आईएमएफ प्रबंध निदेशक के पद से त्यागपत्र दे दिया था। वह आईएमएफ की 12वीं प्रबंध निदेशक और श्रीमती लगार्ड के बाद दूसरी महिला प्रमुख होंगी।