नई दिल्ली। इस वर्ष बैसाखी पर्व के अवसर पर पूरे देश से तीन हजार सिख श्रद्धालु पाकिस्तान के गुरुद्वारा पंजा साहिब में दर्शन और अरदास करेंगे। इसमें पंजाब के सबसे अधिक 1800 और दिल्ली के 550 सिख श्रद्धालु शामिल होंगे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने रविवार को यह जानकारी देते हुये कहे कहा कि दिल्ली से 550 सिख श्रद्धलुओं का जत्था 11 अप्रैल को दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब से अमृतसर पहुंचेगा तथा अगले दिन 12 अप्रैल को अटारी बॉर्डर होते हुए विशेष ट्रेन से गुरुद्वारा पंजा साहिब जी पहुँच जायेगा जहाँ 13 एवं 14 अप्रैल को बैशाखी का पर्व मनाने के बाद यह जत्था 15 अप्रैल को गुरुद्वारा ननकाना साहिब ,गुरुद्वारा सच्चा सौदा ,गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर ,गुरुद्वारा रोड़ी साहिब अमीनाबाद , गुरुद्वारा करतारपुर साहिब नारोवाल ,जन्मस्थान गुरु राम दास जी , शाही किला और महाराजा रणजीत सिंह जी की समाधि के दर्शन करते हुए 21 अप्रैल को लाहौर से होते हुये अमृतसर लौट आयेगा।
समिति ने बैशाखी पर पवित्र गुरद्वारा पंजा साहिब में दर्शन के इच्छुक सिख तथा सहज धारी सिख श्रद्धालुओं को अपने आवेदन 15 फरवरी तक जमा कराने के लिए कहा है। इच्छुक श्रद्धालु अपना आधार कार्ड , पैन कार्ड सहित मान्य पहचान पत्र की प्रति तथा एक साल की वैधता के भारतीय पासपोर्ट के साथ अपने चार पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ तथा दो सौ रूपये वीजा प्रोसेंसिंग फीस समिति के कार्यालय में यात्रा काउंटर पर जमा करा सकते हैं। सभी सम्बन्धित दस्तावेजों सहित इच्छुक श्रद्धालुओं के पासपोर्ट 25 फरवरी को विदेश मंत्रालय में जमा कराये जायेंगे जहाँ जरूरी औपचरिकताएँ पूरी करने के बाद इन्हें नई दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग को भेजा जायेगा तथा सुरक्षा सम्बंधित छानबीन के बाद उच्चायोग द्वारा श्रद्धालओं को वीजा प्रदान किया जायेगा।
समिति भारतीय श्रद्धालुओं के माध्यम से पाकिस्तान में रहने वाले सिखों को गुटका साहिब , निशान साहिब का कपडा तथा सिख धर्म की अन्य धार्मिक सामग्री भेजेगी। समिति द्वारा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में पिछले तीन सालों से बैसाखी के पर्व पर पाकिस्तान जाने वाले सभी सिख श्रद्धालुओं का पूरा व्यय वहन किया गया है। श्री सिरसा ने बताया कि इस वर्ष बैसाखी पर्व पर पाकिस्तान जाने वाले सभी सिख श्रद्धालुओं का देश भर का पूरा कोटा 3000 निर्धारित किया गया है जिसमें सबसे ज्यादा 1800 श्रद्धालुओं का कोटा पंजाब को आवंटित किया गया है जबकि दिल्ली को 555 श्रद्धालुओं और हरियाणा को 200 श्रद्धालुओं का कोटा आवंटित किया गया है। सवसे कम 5 श्रद्धालुओं का कोटा पश्चिम बंगाल को आवंटित किया गया है।
आन्ध्र प्रदेश को 25,बिहार को 14 , गुजरात को 1 5 , छत्तीसगढ़ को 20, हिमाचल प्रदेश को 15, जम्मू कश्मीर को 40, झारखंड को 16, कर्नाटक को 10, मध्य प्रदेश को 10, महाराष्ट्र को 90, ओड़िशा को 10 , राजस्थान को 50,उत्तर प्रदेश को 35, उत्तराखंड को 25,पश्चिम बंगाल को 5, केन्द्र शासित चंडीगढ़ को 45 श्रद्धालुओं का कोटा दिया गया है।