नई दिल्ली। भारत का हर शहर और गांव बढ़ती हुई जनसंख्या की समस्या से जूझ रहा है। दुनिया के सामने आज जनसंख्या विस्फोट की विकराल समस्या है और सर्वाधिक जनसंख्या के मामले में भारत दुनिया का दूसरा देश बना हुआ है। दुनिया में समस्याओं का बड़ा कारण जनसंख्या को माना जाता है, क्योंकि हर देश-प्रदेश और गांव की जनसंख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जिसकी जनसँख्या पिछले 97 सालों से जनसंख्या नहीं बढ़ी है। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के धनोरा गांव की। यहां जनसंख्या वर्ष 1922 में 1700 थी और आज भी इतनी ही है। यहां किसी भी परिवार में दो से ज्यादा बच्चे नहीं हैं। ऐसा यहां बेटा-बेटी में भेदभाव न होने के कारण है।
बैतूल का धनोरा गांव इन स्थितियों में दुनिया के लिए परिवार नियोजन के क्षेत्र में ब्रांड एंबेसडर है, क्योंकि यहां जनसंख्या बढ़ नहीं रही है। धनोरा वह गांव है जहां की जनसंख्या पिछले 97 सालों से स्थिर बनी हुई है। यानी इन सालों में गांव की जनसंख्या 1,700 से आगे नहीं बढ़ी। यह कैसे हुआ? सन् 1922 में यहां कांग्रेस का एक सम्मेलन हुआ था जिसमें शामिल होने कस्तूरबा गांधी आई थीं। उन्होंने ग्रामीणों को खुशहाल जीवन के लिए 'छोटा परिवार, सुखी परिवार' का नारा दिया था। कस्तूरबा गांधी की बात को ग्रामीणों ने पत्थर की लकीर माना और फिर गांव में परिवार नियोजन का सिलसिला शुरू हो गया। बेटी-बेटे में फर्क जैसी मानसिकता यहां देखने को नहीं मिलती।