काठमांडू। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावाली ने गुरुवार को यहां द्विपक्षीय संबंधों विशेषकर संपर्क सूत्र, आर्थिक साझेदारी, व्यापार, आवागमन, ऊर्जा और जल संसाधन के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि डॉ. जयशंकर और ग्यावाली यहां आज भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान दोनों नेताओं ने शांति और मैत्री को लेकर 1950 की संधि और भारत तथा नेपाल के रिश्तों को लेकर प्रतिष्ठित व्यक्तियों की रिपोर्ट की समीक्षा की। बैठक के दौरान दोनों देश व्यापार, ट्रांजिट और रेल सेवाओं से संबंधित समझौतों की समीक्षा करने पर सहमत हुए। साथ ही सीमा पर आने-जाने के बड़े रास्तों पर बुनियादी ढांचे और तार्किक सुविधाओं को उन्नतीकरण को जारी रखने पर भी दोनों देशों ने सहमति जतायी। डॉ. जयशंकर और ग्यावाली ने बैठक के दौरान आंतरिक, क्षेत्रीय तथा उप क्षेत्रीय संगोष्ठी से संबंधित सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा की।
संयुक्त आयोग ने मोतिहारी-अमलेखगुंज पेट्रोलियम प्रोड्क्ट्स पाइप लाइन, ‘हुलाकी रोड्स’ के चौथे खंड, नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के बाद नुवाकोट तथा गोरखा जिलों में पूरा हुए निजी मकानों के निर्माण कार्यों जैसे द्विपक्षीय परियोजनाओं की प्रगति पर खुशी जाहिर की। साथ ही जयानगर-जनकपुर तथा जोगबानी विराटनगर के रास्ते सीमा पार रेल परियोजनाओं तथा विराटनगर में एकीकृत तलाश केंद्र के निर्माण कार्य की प्रगति पर भी खुशी जाहिर की। संयुक्त आयोग ने दोनों देशों के बीच जिन परियोजनाओं पर सहमति बनी है, उन्हें शीघ्र पूरा करने पर समहति व्यक्त की। साथ ही अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे के दौरान तीन नये क्षेत्रों रक्सौल-काठमांडू विद्युतिकरण रेल लाइन, ‘इनलैंड वाटरवेज तथा कृषि क्षेत्र में नयी साझेदारी की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त की।