नई दिल्ली। सरकार ने रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के समकक्ष संगठित समूह ‘क’ यानी ग्रुप ‘ए’ का दर्जा देने और उसके कर्मियों को अन्य अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों के समान लाभ देने को आज मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि आरपीएफ को संगठित समूह ‘क’ सेवा का दर्जा प्रदान करने से सेवा में स्थिरता समाप्त होगी, अधिकारियों की कैरियर प्रगति में सुधार होगा और उनका प्रेरणात्मक स्तर कायम रहेगा। आरपीएफ के योग्य अधिकारी लाभान्वित होंगे।
बल के सूत्रों के अनुसार आरपीएफ को संगठित समूह ‘क’ का दर्जा देने तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 24 अप्रैल 2009 और छह जून 2000 के दिशा-निर्देशों और अनुवर्ती अनुदेशों के अनुसार एक जनवरी 2006 से गैर- क्रियात्मक वित्तीय उन्नयन (एनएफएफयू) के अनुवर्ती लाभ और छह जून 2000 से वरिष्ठ ड्यूटी पद (एसडीपी) का 30 प्रतिशत एनएफएसजी गैर-क्रियात्मक सलेक्शन ग्रेड (एनएफएसजी)देने की मंजूरी दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिनांक चार दिसंबर 2012 के आदेश में रेलवे को आरपीएफ को समूह ‘क’ सेवा का दर्जा प्रदान करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने दिनांक पांच फरवरी 2019 के आदेश द्वारा इसकी पुष्टि की थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ को संगठित समूह ‘क’ सेवा का दर्जा प्रदान करने का प्रस्ताव किया था।