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राफेल पर SC से झटके के बाद कांग्रेस को PAC का सहारा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 15 2018 11:58AM | Updated Date: Dec 15 2018 12:43PM
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नई दिल्ली। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को भले ही क्लीन चिट दे दी हो पर कांग्रेस ने CAG (कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट को आधार बनाकर हमले शुरू कर दिए हैं। PAC (पब्लिक अकाउंट कमिटी या लोक लेखा समिति) के चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने CAG की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है और ऐसे में वह CAG और AG को तलब करने जा रहे हैं। 
 
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने SC में झूठ बोला है कि CAG की रिपोर्ट को सदन में और पीएसी के समक्ष रखा जा चुका है और PAC ने इसकी जांच भी की। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह पब्लिक डोमेन में है लेकिन यह कहां है? क्या आपने इसे देखा है? 
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'मैं इस मामले को PAC के दूसरे सदस्यों के समक्ष उठाने जा रहा हूं। हम AG (अटर्नी जनरल) और CAG को भी तलब करेंगे।' मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने धोखे से काम किया है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन वह जांच एजेंसी नहीं है। ऐसे में हम राफेल डील पर JPC की मांग पर अड़े हुए हैं। आपको बता दें कि एक दिन पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पर सरकार को घेरने की कोशिश की थी। 
 
"लोक लेखा समिति के सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि अटर्नी जनरल और सीएजी को यह बात पूछने के लिए तलब करें कि राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट कब संसद में पेश की गई।" क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले में टाइपो एरर है? फैसले में पेज नंबर 21 में कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने CAG के साथ राफेल की कीमतों का विवरण साझा किया है और CAG अपनी रिपोर्ट को पहले ही अंतिम रूप दे चुके हैं और उसे संसद की लोक लेखा समिति से साझा किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है, 'कीमत से जुड़े विवरण कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल से साझा किए जा चुके हैं और CAG की रिपोर्ट की जांच-परख PAC कर चुकी है।' 
 
वहीं, सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि CAG की रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और जनवरी के आखिर तक यह पूरी हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि CAG की रिपोर्ट जनवरी के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है और इसमें कई दूसरे रक्षा सौदों का भी जिक्र हो सकता है। डिफेंस एक्विजिशंस पर विस्तृत रिपोर्ट के एक चैप्टर में राफेल डील को लेकर ऑडिटर की राय का निचोड़ रखे जाने की संभावना है। 
 
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