नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले में गिरफ्तार ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने बड़ा खुलासा किया है। दो दिन पहले ही भारत प्रत्यर्पित किए गए मिशेल ने दलाली के बदले पैसा लेने की बात कबूली है लेकिन उसने इस पैसे को रिश्वत की बजाय कंसल्टेंट फीस बताया है।
मिशेल से पूछताछ करने वाले अधिकारियों के सूत्रों ने बताया कि मिशेल ने घूस लेने वाले किसी शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया। साथ ही मिशेल ने पूछताछ में यूपीए नेताओं या फिर रक्षा मंत्रालय से पैसे लेने की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया। सूत्र बताते हैं कि मिशेल का कहना है कि उसने यूपीए सरकार से कोई घूस नहीं ली, लेकिन अगुस्टा वेस्टलैंड से कंसल्टेंसी फीस ली थी।
मिशेल ने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि नेताओं और नौकरशाहों की दी गई घूस के मामले में एक अन्य यूरोपिय बिचौलिये गाइडो हाशके ने नोट्स लिखे थे। मिशेल ने बताया कि इन नोट्स में लिखा था कि सोनिया गांधी वीआईपी चॉपर डील में ड्राइविंग फोर्स हैं। नोट्स में कहा गया था कि भारत में अगुस्टा वेस्टलैंड के सेल्समैन पीटर हुलेट को सोनिया गांधी के बाद पीएम मनमोहन सिंह, तत्कालीन रक्षा मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी और सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को टारगेट करना चाहिए।