नई दिल्ली। देश में बच्चों की सुरक्षा पर फिर से सवाल उठ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर घंटे 6 बच्चे गायब हो रहे हैं। राजधानी भी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। यहां 24 घंटे में औसतन 79 तक बच्चे गायब हो रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल का भी है। यहां भी महज 24 घंटे में 69 से 81 बच्चे गायब हो रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि पुलिस गायब बच्चों की तलाश नहीं करती है। गायब होने वाले बच्चों की तुलना में पुलिस को मिलते हैं सिर्फ 15 से 20 बच्चे।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि देश में बच्चों को कौन गायब कर रहा है। कहां जा रहे हैं गायब होने वाले बच्चे। महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों पर जाएं तो देशभर में अब तक 3.55 लाख बच्चे गायब चल रहे हैं।पश्चिम बंगाल देश का वो सूबा है जहां फिलहाल सबसे ज्यादा 92 हजार बच्चे गायब हैं। अगर 6 जुलाई से 10 जुलाई के बीच गायब होने वाले बच्चों का जिक्र करें तो 53, 69, 53, 38 और 40 बच्चे पश्चिम बंगाल से गायब हो चुके हैं।
पिछले साल वहां 6999 बच्चे गायब हुए थे। सोमवती आगरा में रहती है। 2002 में सोमवती का पहला बच्चा गायब हो गया था। 6 महीने बाद ही सोमवती के दो और बच्चे गायब हो गए। लेकिन पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। एफआईआर लिखी भी गई तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दखल के बाद। लेकिन उसके बाद भी पुलिस उन बच्चों को नहीं तलाश सकी। बच्चों का पिता खुद उन्हें शहर की गली-गली तलाश करता था। इसी तलाश में एक दिन पिता को एक कुत्ते ने काट लिया। इलाज न मिल पाने के चलते रैबीज से उसकी मौत हो गई। सोमवती आज भी अपने बच्चों के इंतजार में जिंदा है।