नई दिल्ली। दागी नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। इसके लिए उसने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने आजीवन रोक लगाने की सिफारिश की है। यही बात चुनाव आयोग ने आज सुप्रीम कोर्ट में कही है।
आयोग का कहना है कि सजायाफ्ता जनप्रतिनिधयों को लेकर नरमी नहीं बरतनी चाहिए। ऐसे नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन रोक लगनी ही चाहिए। खास बात यह है कि आयोग ने अपनी यही मांग मोदी सरकार के समक्ष भी रखी है।
आयोग ने कहा कि इस सिलसिले में कानून संशोधन होना चाहिए और इस बारे में उसने सरकार को भी लिखा है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से इस बारे में लिखत में सबूत भी मांगा है। कोर्ट ने कहा, 'कब लिखा है सरकार को, हमें भी दिखाओ।'
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। याचिका में आपराधिक केसों में सजायाफ्ता जनप्रतिनिधियों के बारे में दागी नेताओं के खिलाफ लंबित केसों की जानकारी मांगी गई थी। साथ ही 6 साल की रोक की मांग भी की थी।
इस पर अदालत ने कहा था कि आप नेताओं के सजायाफ्ता होने पर 6 वर्ष की प्रतिबंध लगाने पर बहस कर रहे हो, लेकिन जब ऐसे मामले 20 साल तक लंबित रहते हैं, तब 6 साल की रोक के क्या मायने हैं।