नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अनजाने में या गलती से अगर कोई शख्स धर्म का अपमान कर बैठता है तो उसके खिलाफ मामला नहीं चलाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे कानून का दुरुपयोग हाेता है। कोर्ट ने कहा, अनचाहे तरीके से, लापरवाही में या बिना किसी खराब मंशा के अगर धर्म का अपमान होता है या किसी वर्ग विशेष की धार्मिक भावनाएं भड़कती हैं तो यह काम कानून की इस धारा के अंतर्गत नहीं आता। इसके साथ ही कोर्ट ने कानून की धारा 295A के गलत इस्तेमाल पर चिंता जाहिर की। इस सेक्शन के तहत धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप साबित होने पर कम से कम 3 साल की सजा हो सकती है।
क्या था मामला?
क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी की. 2013 में एक बिजनेस मैगजीन के कवर पेज पर उन्हें भगवान विष्णु के अवतार के तौर पर दिखाया गया था। तस्वीर में धोनी जूते समेत कई चीजें पकड़े हुए थे। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। याचिका में धोनी ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे को चुनौती दी थी।
कई हस्तियां हो चुकी है शिकार
आम लोगों के साथ कई नामचीन हस्तियों को भी सेक्शन 295A के गलत इस्तेमाल का शिकार होना पड़ा है। साल 2016 में हास्य कलाकार किकू शारदा को डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम के अपमान के आरोप में जेल जाना पड़ा था। सितंबर 2014 में सलमन खान पर मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का आरोप लगा था। दरअसल उनके एनजीओ 'Being Human' के फैशन शो में एक मॉडल की टी-शर्ट पर लिखे अरबी शब्द को लेकर कुछ लोगों ने ऐतराज उठाया था। इसी तरह फिल्म 'पीके' को लेकर आमिर खान के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करवाई गई थी। एक्टर अक्षय कुमार और निर्देशक उमेश शुक्ला पर फिल्म 'ओ माई गॉड' में भगवान कृष्ण के चित्रण को लेकर अजमेर में एफआईआर दर्ज हुई थी। साल 2012 में शाहरुख खान और गौरी खान पर 'राधा ऑन द डांस फ्लोर' गाने को लेकर केस दर्ज हुआ था।