नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा हर्षवर्धन ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने देश में चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं और अगले पांच वर्षों में देश में चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त होगी। डा हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लेकसभा में पूछे गए एक सवाल में जानकारी दी कि इस समय देश में चिकित्सकों की कमी है और ग्रामीण क्षेत्रों में इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार इस समस्या से पूरी तरह वाकिफ है और इसे देखते हुए स्रातक स्तर के कालेजों में 29 हजार तथा स्रातकोत्तर मेडिकल कालेजों में सात हजार सीटें बढ़ाई गई और अगले पांच सात वर्षों में इसका असर देखने को मिलेगा।
देश में विभिन्न मेडिकल कालेजों में इस समय एमबीबीएस की अस्सी हजार सीटें हैं और 157 मेडिकल कालेज तथा 22 एम्स हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा की पढ़ाई कर युवा यहां से विदेशों में अच्छे वेतन के कारण पलायन कर जाते हैं और उन्हें रोंकने की केन्द्र सरकार के पास कोई तरीका नहीं है बल्कि उनसे अपील की जा सकती है कि जिस देश में उन्होंने पढाई की है वहां के लोगों के प्रति सेवा भावना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाएं चिकित्सकों की नियुक्ति में काफी लंबा समय लेती है और सरकार ने इससे निपटने के लिए अनुबंध पर चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रकिया अपनाई है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने मेडिकल कालेजों में प्राध्यापकों / प्राचार्य और निदेशक के पदों के लिए नियुक्त/ विस्तार पुन: रोजगार के लिए आयु सीमा को बढ़ाकर 70 वर्ष किया है। इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत सीजीएचएस चिकित्सकों एवँ दंत चिकित्सकों की सेवानिवृत आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष किया है।