मुंबई। महाराष्ट्र के मुंख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले उद्धव ठाकरे ने सामना के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है। अब इसकी कमान शिवसेना के विधायक और फयर ब्रांड नेता संजय राउत के हाथ में सौंप दी गई है। अपने संपादकीय को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला सामना अखबार शिवसेना का मुखपत्र है। गुरुवार को एक बार फिर शिवसेना ने सामना संपादकीय के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है। सामन ने लिखा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री और उसमें भी उद्धव ठाकरे इस पद पर विराजमान हो रहे हैं।
ये महाराष्ट्र का भाग्य है। यह समारोह मराठी माणुस को धन्यता महसूस करानेवाला है, जो श्री उद्धव ठाकरे को पहचानते हैं, उनके मन में ये विश्वास है कि जब वे कोई जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं तो उसे पूरी शिद्दत से निभाते हैं। उद्धव की विशेषता है कि बाहर तूफान होने के बावजूद वे शांत रहते हैं और शांत होने पर तूफान खड़ा कर देते हैं। देश के बड़े-बड़े नेता दिल्लीश्वरों के आगे घुटने टेक रहे हैं, ऐसे में उद्धव किसी भी दबाव के आगे नहीं झुके। स्वाभिमान को गिरवी नहीं रखा और जिन लोगों ने बालासाहेब की साक्षी में झूठ बोलने का प्रयास किया. उस ढोंग से हाथ नहीं मिलाया।
कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना की सरकार तीन पैरों पर खड़ी है और ये नहीं टिकेगी. ऐसा शाप देवेंद्र फडणवीस ने शुभ मुहूर्त पर दिया है, लेकिन ये उनका भ्रम है. ये सरकार राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि महाराष्ट्र और विकास के मुद्दों पर बनी है तथा राज्य के विकास के लिए तीनों पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है। शरद पवार जैसे अनुभवी मार्गदर्शक हमारे साथ हैं। तीनों पार्टियों में प्रशासनिक जानकारी रखनेवाले लोगों की फौज है। मुख्य बात ये है कि किसी के मन में एक-दूसरे के प्रति मैल नहीं है।