नई दिल्ली। मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है, जिस पर आज सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है और सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील को लगाई फटकार । सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है जिन्हे गिरफ्तार किया गया है उन्हे तुरंत रिहा किया जाय। आज इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने यह फैसला सुनाया। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बेंच को केस के फैक्ट्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं। याचिकाकर्ताओं की तरफ से संजय हेगड़े पेश हुए वहीं वरिष्ठ वकील गोपाल शंकराचार्यन भी मौजूद हैं।
शंकराचार्यन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 2018 से मामला लंबित है कि आरे जंगल है या नहीं। NGT भी इस बात को देख रही है कि आरे इको सेंसिटिव ज़ोन है या नहीं। इसलिए जब तक फैसला नहीं आता तब तक पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए। इस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा जो हमें समझ आ रहा है, उसके मुताबिक आरे एक नो- डेवलेपमेंट ज़ोन है लेकिन इको सेंसिटिव ज़ोन नहीं है। अगर आप एक अलग बात कह रहे हैं तो हमें दस्तावेज़ दिखाइए।