मुंबई। नफरत की राजनीति कर मराठी मुद्दे को भुनाने वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के सात में से छह मराठी नगरसेवक शुक्रवार को एकाएक राज ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए। मनसे के इन छह और पूर्व में चार निर्दलीय नगरसेवकों अपनी पार्टी में शामिल कर शिवसेना बीएमसी में 94 नगरसेवकों के साथ जोरदार दिवाली मनाएगी, जबकि राजनीति में मनसे का दिवाला निकल गया है। मराठी माणुस के मुद्दे पर हिंदी भाषियों की पिटाई कर राजनीति की सीढ़ी चढ़ने वाली मनसे से मराठी नगसेवकों ने ही किनारा कर अकेला छोड़ दिया। वर्ष 2007 में मुंबई मनपा में 27 नगरसेवक और 13 विधायक चुन कर लाने वाली मनसे के पास अब मुंबई में सिर्फ 1 नगरसेवक बचा है। शिवसेना के इस दांव से भाजपा की खुद का महापौर बनाने की तैयारी पर पानी फिरा गया है।
भाजपा का सपना चकनाचूर
भांडुप सीट पर विजय मिलने के बाद जिस तरह से भाजपा नेता किरीट सोमैया ने बड़बोलापन दिखाते हुए मुंबई मनपा में शीघ्र ही शिवसेना महापौर को बेदखल कर भाजपा का महापौर बनाने का बयान दिया था उसके दूसरे दिन ही शिवसेना ने भाजपा को ही चारों खाने चित कर दिया। मनसे के मनपा में गुट नेता सहित 6 नगरसेवकों को शिवसेना में शामिल कर उद्धव ठाकरे मुंबई में भाजपा का महापौर बनाने का सपना चकनाचूर कर दिया है। इस तरह शिवसेना ने साबित कर दिया कि मुंबई में उसका कोई सानी नहीं है।
सोमैया का करोड़ों देने का आरोप
भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने भी कोकण आयुक्त और पुलिस तथा चुनाव आयोग को पत्र लिख कर एक राजनीतिक पार्टी मनपा में दूसरे दलों के नगरसेवकों की खरीद-फरोख्त कर अपने दल में शामिल कर रही है। नगसेवकों को करोड़ों रुपए दिए गए हैं। कुछ नगरसेवकों को हिरासत में रखा गया है। ऐसी संभवनाओं को रोकने की मांग सोमैया ने पत्र में की है।
गद्दारी नहीं, घर वापसी हुई: उद्धव
मातोश्री पर उद्धव ने मनसे नगरसेवकों को शिवबंधन बांधकर पार्टी में प्रवेश दिया। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में उद्धव ठाकरे ने मनसे नगरसेवकों के शिवसेना में शामिल होने पर कहा कि यह जोड़तोड़ की राजनीति नहीं है, हमारे पुराने शिवसैनिकों ने घर वापसी की है। किसी को झटका देने की कोशिश हमारी नहीं है। उद्धव ने कहा कि आपने (भाजपा) जो अन्य राज्यों में किया वही हमने भी किया है। आप करें तो खुद्दारी, हम करें तो गद्दारी कैसे? जोड़तोड़ की सियासत का आरोप हम पर न लगाएं। उद्धव ने नांदेड़-बाघाला चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा की लहर समाप्त हो गई है। यदि ऐसा नहीं होता तो भाजपा दूसरी पार्टियों से नेता क्यों तोड़ती।
दिल में थी शिवसेना
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बेहद करीबी रहे दिलीप लांडे ने कहा कि मराठी भाषियों को केवल शिवसेना ने संभाला है। हम भले मनसे में थे लेकिन शिवसेना हमारे दिल में थी। मराठी भाषियों को समाप्त करने की भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कल महापौर बदलने की बात कही गई थी। मराठी भाषियों को भावना भड़काई गई। मराठी भाषी महापौर बना रहे इसके लिए हमने शिवसेना में प्रवेश किया है।
धोखेबाजी न करें : राज
मनसे नगरसेवकों के शिवसेना में शामिल होने की खबर से बौखलाए पार्टी प्रमुख राज ठाकरे ने नगरसेवकों को चेतावनी देते हुए कहा कि धोखेबाजी बर्दास्त नहीं की जाएगी। एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद इस तरह मनसे से चुन कर आया कोई भी नगरसेवक पार्टी के साथ छल करने की कोशिश न करे।
बीएमसी में किसके साथ कितनी ताकत
शिवसेना 94(84+ 4 निर्दलीय
+ 6 मनसे)
भाजपा 85 (83 + 2 अभासे)
कांग्रेस - 30
राष्ट्रवादी कांग्रेस - 9
समाजवादी पार्टी - 6
एमआईएम - 2
शिवसेना में शामिल होने वाले नगरसेवक
दिलीप लांडे गुटनेता मनसे वार्ड क्रमांक 163
अर्चना भालेराव वार्ड क्रमांक 126
परमेश्वर कदम वार्ड क्रमांक 133
अश्विनी मतेकर वार्ड क्रमांक 156
हर्षल मोरे वार्ड क्रमांक 189
दत्ता नरवणकर वार्ड क्रमांक 197