भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक विशेष अदालत ने आज भ्रष्टाचार मामले में रिश्वत लेने के आरोपित हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। लोकायुक्त संगठन के अधिवक्ता विवेक गौड़ के अनुसार शिकायतकर्ता आलोक शुक्ला ने 18 मार्च 2014 को लोकायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत की थी कि उसके मकान के नामांतरण कराने के लिए बिट्टन मार्केट स्थित संपत्ती कर कार्यालय में पदस्थ तृतीय श्रेणी कर्मचारी नरेन्द्र रिश्वत की मांग कर रहा है।
शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध ढंग से आरोपित कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि आरोपित कर्मचारी ने जब उससे 5 हजार रूपए रिश्वत ली तो उसने नोटों की गड्डी बताते हुए कहा था कि इसी काम के उसे 17 हजार रूपए रिश्वत मिली है। जब आरोपित कर्मचारी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने 17 हजार रूपए की रिश्वत मनोज तिवारी नामक दलाल से लेना बताया। लोकायुक्त ने मनोज को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह राजकुमार कनकने नामक व्यक्ति के काम के लिए यह रूपए लिए थे और आरोपित कर्मचारी को दिए थे।
इस मामले में रिश्वत लेने के आरोपित कर्मचारी, दलाल मनोज और रिश्वत देने के आरोपित राजकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और षडयंत्र के तहत अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह सजा सुनाई है।