गंदा तकिया कई बीमारियों की वजह बनता है। ऐसे में सोते समय हमेशा सॉफ्ट और साफ-सुथरे तकिए का इस्तेमाल करें। सप्ताह में कम से कम एक बार इसके कवर को जरूर बदलें। दरअसल, शरीर के बैक्टीरिया तकिए पर लग जाते हैं, जो श्वास प्रक्रिया द्वारा शरीर के अंदर चले जाते हैं। आज हम आपको इससे होने वाली मुश्किलों और इससे बचने के लिए रख-रखाव के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आप हमेशा के लिए सेहतमंद रहेंगे।
पुराने तकिए के अंदर काफी ज्यादा धूल मिट्टी के कण चिपके होते हैं, जो कि सांस लेने से फेफड़ो में चले जाते हैं, जिससे अस्थमा जैसी बीमारी होने के संभावना बढ़ जाती है।
पिलो ज्यादा मोटा और पतला होने पर गर्दन नीचे की तरफ झुक जाती है। जिससे खर्राटे की बीमारी हो सकती है। एेसे में हमेशा साधारण साइज के तकिए इस्तेमाल करें। गंदे पिलो कवर पर मौजूद बैक्टीरिया पिंपल्स का कारण बनते हैं। एेसे में समय पर इनके कवर को चेंज करें।
ऊंचे तकिए के इस्तेमाल से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है जिसके कारण पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती है। ज्यादा पुराने तकिए के इस्तेमाल से गर्दन में दर्द की प्रॉब्लम हो सकती है।