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Health

हाईपरटेंशन का भ्रम और सत्य

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 9 2016 12:24PM | Updated Date: Aug 9 2016 12:24PM
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हाईपरटेंशन, यानी उच्च रक्तचाप। इसे हाई ब्लड प्रेशर भी कहते हैं। सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 100 से 140 तक उच्च रीडिंग होना चाहिए। निचली रीडिंग 60 से 90 सही है। 90 से 140 के ऊपर हाईपरटेंशन होता है। हाईपरटेंशन को लेकर लोगों में कई भ्रम हैं, जिनका सरल निदान दिया जा रहा है। 
 
भ्रम- हाईपरटेंशन पारिवारिक बीमारी है। यह हमारे बुजुर्गों को है, तो हमें भी होगी। इसके लिए कुछ नहीं कर सकते। 
सत्य- माता-पिता या निकट संबंधी को हाईपरटेंशन है, तो अन्य को भी होने की आशंका रहती है। हालांकि दिनचर्या में सुधार करके इससे बच सकते हैं।
उपाय- नियमित व्यायाम, शरीर का वजन नियंत्रित करके, स्वस्थ्य पौष्टिक आहार, तंबाकू व धूम्रपान से परहेज, गुस्से पर नियंत्रण।
 
भ्रम- भोजन में केवल नमक में कमी करके हाईपरटेंशन पर नियंत्रण कर सकते हैं।
सत्य- 75 प्रतिशत सोडियम प्रोसेस्ड एवं वेज्ड फूड्स टमाटर केचअप, सूप चिप्स आदि में मौजूद होता है। यह हमारे भोजन में भी होता है, इसलिए बाजार में मिलने वाले प्रोसेस्ड फूड्स के पैकेट पर लगे लेबल को पढ़कर ध्यान से उसके सोडियम की मात्रा जांच लें।
 
भ्रम- हाईपरटेंशन के लक्षण जैसे घबराहट, सिरदर्द, पसीना छूटना, बेचैनी नहीं है, तो नहीं हो सकता।
सत्य- कई लोगों में हाईपरटेंशन के लक्षण सालों तक नजर नहीं आते। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने ब्लड प्रेशर की जांच कराना चाहिए। सिर्फ लक्षणों के भरोसे रहना ठीक नहीं है।
 
भ्रम- डॉक्टर ब्लड प्रेशर मापते हैं तो घर पर मापने की जरूरत नहीं है।
सत्य- ब्लड प्रेशर पूरे दिन में समय के साथ बदलता रहता है, इसलिए घर पर ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और उसका रिकॉर्ड रखना जरूरी है।
 
भ्रम- हाईपरटेंशन उम्रदराज लोगों की बीमारी है।
सत्य- हाईपरटेंशन किसी भी उम्र में महिला व पुरुष को हो सकता है। खासकर आजकल के युग में आधुनिक जीवनशैली, खानपान की कमी हाईपरटेंशन रोग को महामारी का रूप दे रही है।
 
भ्रम- हाईपरटेंशन कोई ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं, इसे ज्यादा तवज्जो न दें।
सत्य- हाईपरटेंशन के लक्षण अक्सर नजर नहीं आते। वास्तव में यह एक साइलेंट किलर है। लंबे समय से हाईपरटेंशन हार्ट अटैक, हार्ट फैलियर, गुर्दे के रोग, नेत्र रोग (हाईपरटेंशन  रेटिनोथैरेपी), दिमागी पक्षाघात जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
 
भ्रम- हाईपरटेंशन सिर्फ पुरुषों को होता है, महिलाओं को नहीं।
सच- हाईपरटेंशन पुरुषों व महिलाओं दोनों को होता है। एक सर्वे के अनुसार भारत में 23.10 प्रतिशत पुरुष एवं 22.6 प्रतिशत महिलाओं को हाईपरटेंशन की बीमारी है।
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