नई दिल्ली। गुरुवार से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 37 टीमें चुनौती पेश करेंगी। यह टूर्नामेंट क्रिकेट बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, जो प्रशासनिक उथलपुथल के दौर से गुजर रहा है। मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, उत्तराखंड, सिक्किम, नगालैंड, मेघालय, बिहार और पुडुचेरी की नई टीमों ने हाल में 50 ओवर के विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, लेकिन लाल गेंद से क्रिकेट खेलना अधिक बड़ी चुनौती होगी।
टूर्नामेंट के दौरान 50 से अधिक मैदानों का इस्तेमाल किया जाएगा, जो साजो सामान की दृष्टि से बड़ी चुनौती होगी, लेकिन बीसीसीआई के क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा है कि उनकी टीम इसके लिए तैयार है। करीम ने कहा, हम तैयार हैं और हमने रणजी ट्रॉफी से पहले घरेलू टूर्नामेंटों (विजय हजारे ट्रॉफी, दिलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी) के सफल आयोजन से इसे साबित किया है।
पुजारा, अश्विन, मुरली भी खेलेंगे
घरेलू स्तर के स्टार खिलाड़ी ग्रुप-ए, बी और सी में नजर आएंगे। टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा के सौराष्ट्र की ओर से पहले मैच में छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेलने की उम्मीद है, जबकि स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और मुरली विजय को मप्र के खिलाफ पहले मैच के लिए तमिलनाडु की टीम में जगह दी गई है।
प्रदर्शन देगा आॅस्ट्रेलिया दौरे का तोहफा
आॅस्ट्रेलिया में चार टेस्ट की सीरीज और न्यूजीलैंड के ए टीम के दौरे के लिए खिलाड़ियों का चयन पहले ही हो चुका है और ऐसे में रणजी ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिलने की उम्मीद नहीं है। ग्रुप-ए को सबसे कड़ा ग्रुप माना जा रहा है, जिसमें कई बार की चैंपियन मुंबई, कर्नाटक, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, रेलवे, छत्तीसगढ़, विदर्भ, गुजरात और बड़ौदा की टीमें शामिल हैं। विदर्भ ने पिछले साल अपना पहला रणजी खिताब जीता, जबकि गुजरात की टीम उससे एक सत्र पहले की चैंपियन है।