मुंबई। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के कप्तान हैमिल्टन मसाकाद्जा जल्द ही क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं...हैमिल्टन मसाकाद्जा बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ आगामी होने वाली टी-20 ट्राई सीरीज के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। हैमिल्टन मसाकाद्जा के नाम क्रिकेट में रिकॉर्ड दर्ज है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपना इंटरनेशनल करियर 2001 में शुरू किया था। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में ही शतक जड़कर अपनी छाप छोड़ दी थी। ये शतक उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाया था।
हैमिल्टन मसाकाद्जा के नाम सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक लगाने का संयुक्त रूप से रिकॉर्ड है। मसाकाद्जा ने 2001 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हरारे में 119 रन की पारी खेली थी। उस वक्त मसाकाद्जा की उम्र 17 साल थी। हालांकि इसी उम्र में सचिन तेंदुलकर और सहित तीन अन्य क्रिकेटरों ने भी टेस्ट सेंचुरी लगाई थी। मगर सबकी उम्र में दिनों का फर्क है। हालांकि जिंबाब्वे की तरफ ये कारनामा करने वाले मसकजादा इकलौते खिलाड़ी हैं। यही नहीं हैमिल्टन पहले अश्वेत खिलाड़ी भी थे जिन्होंने अपने देश के इतनी कम उम्र में शतक लगाया।
मासाकाद्जा ने डेब्यू टेस्ट में शतक बनाने के बाद मैन ऑफ द मैच चुने गए मासाकाद्जा ने खुद को एलीट खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल कर लिया। वो टेस्ट में शतक लगाने वाले युवा खिलाड़ी भी बने। हालांकि बाद इस में इस रिकॉर्ड को बांग्लादेश के मोहम्मद अशरफुल ने तोड़ दिया था। मासाकाद्जा ने जिम्बाब्वे की ओर से 38 टेस्ट मैच खेले हैं। हालांकि उनकी असली रूप लिमिटेड ओवर में ही देखने को मिला है। जिम्बाब्वे की ओर से सबसे अधिक वनडे खेलने के मामले में मासाकाद्जा फ्लावर बंधुओं और एल्टन चिगुंबुरा के बाद चौथे नंबर पर हैं।
मसाकाद्जा ने 209 वनडे में 5,658 रन बनाए हैं। जिम्बाब्वे की ओर से वनडे में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में मासाकाद्जा चौथे नंबर पर हैं। मासाकाद्जा को फरवरी में कप्तानी दी गई थी। जुलाई में आईसीसी की ओर से जिम्बाब्वे क्रिकेट को बैन किए जाने के बाद मासाकाद्जा ने देश के खेल मंत्री को चिट्ठी लिखकर इसमें हस्तक्षेप की मांग की थी।
मसाकाद्जा 62 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 10 अर्धशतकों के साथ 1529 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 115 से अधिक रहा है। आईसीसी के बैन के बाद मासाकाद्जा रिटायरमेंट की घोषणा करने वाले जिम्बाब्वे के दूसरे खिलाड़ी हैं। इससे पहले सोलोमन मिरे ने भी जुलाई में संन्यास की घोषणा की थी।