मुंबई। बॉलीवुड की मशहूर पार्श्वगायिका अनुराध पौडवाल ने अपने भक्तिपूर्ण गीतों से श्रोताओं के दिलों में खास पहचान बनायी है। अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1952 को हुआ। बचपन से ही उनका रुझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनने का सपना देखा करती थी। अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया। आरंभिक दिनों में उन्हें हालांकि काफी संघर्ष करना पड़ा।
उन्होंने वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म "अभिमान" से अपने करियर की शुरूआत की। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के निर्देशन में एक संस्कृत के श्लोक गाने का अवसर मिला जिससे अमिताभ बच्चन काफी प्रभावित हुये।
वर्ष 1974 में अनुराधा पौडवाल को मराठी फिल्म "यशोदा" में भी पार्श्वगायन करने का अवसर मिला। वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म "कालीचरण" में उनकी आवाज में "एक बटा दो दो बटा चार" उन दिनों बच्चों में काफी लोकप्रिय हुआ था। इस बीच अनुराधा ने आपबीती, उधार का सिंदूर, आदमी सड़क का, मैने जीना सीख लिया, जाने मन और दूरियां जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पार्श्यगायन किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई ख़ास फायदा नहीं पहुंचा।
लगभग सात वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1980 में जैकी श्राॅफ और मीनाक्षी शेषाद्रि अभिनीत फिल्म "हीरो" में लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में "तू मेरा जानू है तू मेरा दिलवर है" की सफलता के बाद अनुराध पौडवाल बतौर पार्श्वगायिका फिल्म जगत में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी। वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म "उत्सव" बतौर पार्श्वगायिका उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। शशि कपूर के बैनर तले बनी इस फिल्म में अनुराधा को लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में "मेरे मन बजा मृदंग" गीत गाने का अवसर मिला जिसके लिये वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी।