बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने मदर्स डे पर म्यूजिकल ट्रिब्यूट दिया है। हर साल मई के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार मदर्स डे 12 मई को है। अमिताभ बच्चन और शूजित सरकार ने मिलकर यह खूबसूरत ट्रिब्यूट सभी मांओं के लिए तैयार किया है। गाने का म्यूजिक अनुज गर्ग ने दिया है और इसके बोल पुनीत शर्मा ने लिखे हैं। अमिताभ और शूजित दोनों को विश्वास है कि इस गाने को जो भी देखेगा, देखता रह जाएगा। यह खास मॉनटाज वीडियो अमिताभ बच्चन की आवाज में है। शूजित ने बताया, 'यह वीडियो सिर्फ उनके लिए नहीं है जिन्होंने अपनी मां को खो दिया है। यह उन लोगों के लिए भी है जो सौभाग्यशाली हैं कि वे अभी अपनी मां की परछाईं में हैं। यह आइडिया मुझे सबसे पहले म्यूजिक के जरिए आया। अनुज ने म्यूजिकल पीस मुझे सुनाया जो कि उनके छोटे बेटे यजत गर्ग की ओर से उनकी पत्नी के लिए स्पेशल बर्थडे सरप्राइज था और संयोग से वही बच्चे की आवाज वीडियो में भी है। फिर मुझे वीडियो मॉन्टाज बनाने का ख्याल आया। मुझे लगा कि गाने के बोल से सबसे ज्यादा न्याय अमिताभ बच्चन अपनी आवाज में कर सकते हैं।शूजित ने कहा, ‘‘ मैंने अमिताभ बच्चन को उनकी और उनकी मां तेजी बच्चन की तस्वीर के साथ छोटी वीडियो क्लिप्स भेजीं और उनका रिऐक्शन मांगा। इस पर उन्होंने तुरंत कहा कि यह अच्छा आइडिया है और वह आवाज देने के लिए तैयार हो गए। भले ही कितनी भी उम्र हो, हमें लगता है कि हमारी मां की मौजूदगी हमेशा हमारे आसपास है।
मां के सशक्त किरदार को बखूबी पेश किया फिल्मकारों ने
बॉलीवुड के फिल्मकारों ने मां के सशक्त किरदार को अपनी फिल्मों में बखूबी तरीके से पेश किया है और इन फिल्मों में मां के सशक्त किरदार को दर्शकों ने बेहद पसंद किया है। सिल्वर स्क्रीन पर मां का किरदार निभाने वाली अभिनेत्रियों में सबसे पहला नाम जो जेहन में आता है वो है निरूपा राय का। निरूपा राय ने कई फिल्मों में मां के सशक्त किरदार को रूपहले पर्दे पर शानदार तरीके से पेश किया है। वर्ष 1955 में ‘मुनीम जी’ और वर्ष 1961 में फिल्म ‘छाया’ में मां के प्रभावशाली किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत करने के लिये निरूपा राय को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘दीवार’ में निरूपा राय ने अच्छाई और बुराई का प्रतिनिधित्व करने वाले शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में निरूपा राय ने मां के किरदार को इतनी शिद्दत के साथ निभाया कि लोग निरूपा राय को अमिताभ बच्चन की फिल्मी मां के नाम से जानने लगे। इसके बाद निरूपा राय ने ‘खून पसीना’ , ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘अमर अकबर अंथोनी’, ‘सुहाग’, ‘इंकलाब’, ‘गिरफ्तार’ , ‘मर्द’ और ‘गंगा जमुना सरस्वती’ जैसी कई फिल्मों में अमिताभ की मां की भूमिका निभायी। कौन भूल सकता है वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘मदर इंडिया’ में नरगिस की भूमिका को।इस फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त और राजेन्द्र कुमार की मां की भूमिका को जीवंत किया था। इस फिल्म में नरगिस ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया जो अपने पुत्र के अन्याय करने पर उसे जान से मारने से भी नहीं हिचकती है। इस फिल्म में नरगिस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बॉलीवुड की फिल्मों में काम करने वाली पहली मिस इंडिया नूतन ने भी कई फिल्मों में मां के किरदार को रूपहले पर्दे पर खूबसूरती के साथ साकार किया है। इन फिल्मों में 'मेरी जंग', 'नाम', 'मुजरिम', 'युद्ध' और 'कर्मा' जैसी फिल्में खास तौर पर उल्लेखनीय हैं। फिल्म मेरी जंग में अपने सशक्त अभिनय के लिये नूतन सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी। सत्तर और 80 के दशक की जानी मानी अभिनेत्री राखी ने भी कई फिल्मों में मां के दमदार चरित्र को रूपहले पर्दे पर साकार किया है। अमिताभ बच्चन के साथ अभिनेत्री के रूप में काम करने वाली राखी ने फिल्म'शक्ति'में उनकी मां का किरदार बेहद ही प्रभावशाली तरीके से निभाया था। यदि निरूपा राय को अमिताभ की मां कहा जाता है तो राखी अनिल कपूर की फिल्मी मां थी। 'राम लखन', प्रतिकार', 'जीवन एक संघर्ष में' राखी अनिल कपूर की मां बनी थीं। 'खलनायक', सोल्जर, बार्डर, करण-अर्जुन, बाजीगर और अनाड़ी जैसी फिल्मो में भी राखी ने मां का किरदार सशक्त तरीके से निभाया था। नब्बे के दशक में रीमा लागू ने कई फिल्मों में मां के किरदार को प्रभावशाली तरीके से रूपहले पर्दे पर पेश किया है। रीमा लागू को कई फिल्मों में दबंग स्टार सलमान की मां के रूप में देखा गया है। इनमें मैने प्यार किया, साजन,हम साथ साथ हैं, जुड़वा और पत्थर के फूल जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल हैं।