छठ भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व है। छठ पर्व ही एक ऐसा महापर्व है जिसे उत्तर प्रदेश और बिहार में धूमाधम से मनाया जाता है। नहाय खाय के साथ ही छठ का महापर्व शुरू हो चुका है। छठ पूजा 4 दिन की होती है। नहाय खाय पहले दिन किया जाता है। इसमें व्रती अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाकर प्रसाद के तौर पर लेती हैं। आज खरना है।नहाय खाय के दूसरे दिन खरना होता है, जो कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि होती है।वहीं दूसरे दिन खरना होता है जिसमें शाम की पूजा के बाद चावल और गुड़ की खीर का प्रसाद बनता है। इस दिन व्रतधारी दिनभर उपवास करते हैं और शाम में भगवान सूर्य को खीर-पूड़ी, पान-सुपारी और केले का भोग लगाने के बाद खुद खाती हैं।
छठ पूजा का महत्व
हिन्दू धर्म में छठ त्योहार का विशेष महत्व है। इस त्योहार को महिला और पुरुष समान रूप से मानते हैं। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तक चलता है। हिंदू मान्यता के मुताबिक, इस व्रत के साथ कई मान्यताएं जुड़ी हैं। इन मान्यताओं में से एक है कि इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति होती है साथ ही परिवार पर आए कष्ट दूर होते हैं।