कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी इसी दिन अमृत पात्र के साथ प्रकट हुए थे। उन्हें देवताओं के वैद्य के रूप में जाना जाता है। भगवान धनवंतरी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा कर अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती है। माना जाता है कि भगवान धनवंतरी समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक हैं। भगवान धनवंतरी ने ही आयुर्वेद का प्रादुर्भाव किया और शल्य चिकित्सा की खोज की। भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु पीतल मानी जाती है। इसीलिए धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा है।
इस दिन चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है। चांदी को चंद्रमा का प्रतीक मानते हैं, जो शीतलता प्रदान करती है। चांदी कुबेर की धातु है। इस दिन चांदी खरीदने से यश, कीर्ति की प्राप्ति होती है और धन-संपदा में वृद्धि होती है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन चल या अचल संपत्ति खरीदने से उसमें 13 गुना वृद्धि होती है।