बिहार के बेगूसराय के बीहट गांव की सुबह ही कबड्डी के हु तू तू से शुरू होती है। लड़कियां शॉर्ट्स पहनकर अपनी विरोधी टीम पर दांव आजमाती हैं।
जांघों पर थाप देकर जब वो खुद में उत्साह भरती हैं तो उससे निकलने वाली आवाज बिहार के सामंती समाज को चुनौती देती लगती है।
2014 की बात करें तो सब जूनियर, जूनियर और सीनियर राज्य स्तरीय टीम में यहां के नौ लड़के और 13 लड़कियां थीं।
खुली जांघों को देखकर लड़कियां कहती थीं कि पेपर लपेट लो। पापा को भी दो साल तक ये पता था कि मैं सिलाई सीखने जाती हूं
सातवीं में पढ़ने वाली सरिता की पांच बहनों की शादी 15 साल में ही कर दी गई लेकिन सरिता की शादी करने से उसके पिता ने इंकार कर दिया।
रीति और नीतू नैशनल खेल चुकी हैं। रीति की बड़ी बहन प्रीति ने भी 16 बार नैशनल खेला। लेकिन शादी के बाद प्रीति कबड्डी ग्रांउड पर वापस नहीं लौटीं।