वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले में उनको वास्तव में गोली ही लगी थी। इसकी पुष्टि अब संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने शुक्रवार को की है। एफबीआई ने बताया, पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की रैली के दौरान उनकी हत्या के प्रयास में हमलावर ने चलाई गोली उनके (डोनाल्ड ट्रंप) दाहिने कान को छूकर निकल गई।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई ने कहा कि 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया रैली में डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश में स्नाइपर ने राइफल से उन्हें गोली मारी जो उनके कान को छूकर निकल गई। इससे पहले एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप को गोली लगी थी या छर्रे लगे थे। इस बारे में अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या ट्रंप को सच में गोली लगी थी। साथ ही सोशल मीडिया पर चर्चा थी कि उन्हें (ट्रंप) कांच के टुकड़े से चोट लगी थी या नीचे गिरते वक्त वह घायल हो गए थे।
वहीं, एफबीआई निदेशक की टिप्पणी से डोनाल्ड ट्रंप नाराज हो गए और उन्होंने क्रिस्टोफर रे पर पलटवार करते हुए कहा कि नहीं, दुर्भाग्य से यह एक गोली थी जो मेरे कान पर लगी, वह शीशा नहीं था, कोई छर्रे नहीं थे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि एक बार फिर मशहूर एफबीआई ने अमेरिका का विश्वास खो दिया है। ट्रंप के पूर्व व्हाइट हाउस चिकित्सक रोनी जैक्सन ने भी उन अटकलों को खारिज कर दिया कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की चोट छर्रे के कारण लगी थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जैक्सन ने एक बयान में कहा, "इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह गोली के अलावा कुछ और था।"
आपको बता दें कि 20 वर्षीय बंदूकधारी थॉमस क्रुक्स ने 13 जुलाई को बटलर में एक कैंपेन रैली में गोलीबारी की, जिसमें ट्रंप घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद शूटरों ने अपनी कार्रवाई में सीक्रेट सर्विस स्नाइपर को मार गिराया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ऊपर हुए हमले की घटना को अपने प्रचार अभियान का एक मुख्य हिस्सा बनाया है। उन्होंने कई बार जिक्र किया है कि कैसे वो केवल एक चौथाई इंच की दूरी से मौत से बचे हैं। वो बार-बार बोल रहे हैं कि उन्होंने लोकतंत्र के लिए गोली खाई है।