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मक्का में हज यात्रा के दौरान अब तक कितने भारतीयों की हुई मौत? विदेश मंत्रालय ने बताया आंकड़ा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2024 6:18PM | Updated Date: Jun 21 2024 6:18PM
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नई दिल्ली। भारत से हज के लिए मक्का गए कई यात्रियों की मौत होने की आशंका कई दिनों से जताई जा रही थी। मगर अब विदेश मंत्रालय की ओर से पहली बार आधिकारिक रूप से मक्का गए भारतीय हज यात्रियों की मौत की सटीक जानकारी दी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि, "इस साल 175,000 भारतीय हज यात्रा पर गए थे। इनमें से हमने अब तक 98 नागरिकों को खो दिया है। ये मौतें प्राकृतिक कारणों से हुई हैं।" बीमारी, प्राकृतिक कारण, क्रोनिक बीमारी और बुढ़ापा के चलते, अराफ़ात के दिन भी छह भारतीयों की मौत हुई। 

जयसवाल ने कहा कि अराफा दिवस पर कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। वह सभी चार अलग-अलग दुर्घटनाओं में मारे गए। उन्होंने कहा कि 2023 में मरने वालों की संख्या कहीं अधिक थी। जयसवाल के मुताबिक 2023 में हज के दौरान कम से कम 187 भारतीयों की मौत हुई थी। मगर वर्ष 2024 में 175,000 भारतीय हज पर गए हैं। अब तक इनमें से 98 नागरिकों की मौत विभिन्न वजहों से हो चुकी है। ये मौतें प्राकृतिक बीमारी, प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारी और बुढ़ापे के कारण हुई हैं। अराफ़ात के दिन, छह भारतीयों की मृत्यु हो गई और चार भारतीयों की मृत्यु दुर्घटनाओं के कारण हुई। 

इस साल "हीट वेव" और अन्य बीमारियों व वजहों के चलते मक्का में मरने वाले हज यात्रियों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। उनमें से आधे से अधिक अपंजीकृत उपासक हैं, जिन्होंने सऊदी अरब में अत्यधिक गर्मी में तीर्थयात्रा की थी। वहीं मरने वालों में कई भारतीय लोग भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार नई मौतों में मिस्र के 58 लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि मक्का में अबतक लगभग 10 देशों के 1,081 हज यात्रियों की मौत हुई है। इनमें 98 भारतीय नागरिक भी मारे गए हैं। 

राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने इस सप्ताह की शुरुआत में मक्का की ग्रैंड मस्जिद में अधिकतम तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125 डिग्री फ़ारेनहाइट) दर्ज किया था। वहीं कहीं-कहीं पर तापमान 52 डिग्री के स्तर को भी पार कर गया। भीषण गर्मी के चलते हजयात्री जगह-जगह बेहोश होकर गिरते भी देखे गए हैं। पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी अध्ययन के अनुसार, क्षेत्र में तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। हर साल हजारों तीर्थयात्री अनियमित माध्यमों से हज करने का प्रयास करते हैं क्योंकि वे अक्सर महंगे आधिकारिक परमिट का खर्च वहन नहीं कर सकते।

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