योग सिखाने का दावा करने वाले एक शख्स की बड़ी चर्चा है। इस भगोड़े का नाम है ग्रेगोरियन बिवोलारु, जिसे आज (बुधवार) फ्रांस की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बिवोलारु को उसके 40 फॉलोअर्स के साथ पकड़ा गया है। कहा जा रहा है कि 175 अधिकारियों ने आज सुबह इस योगा टीचर की अलग-अलग शाखाओं पर छापा मारा। बिवोलारु को मानने वाले इन शाखाओं को आत्मन का नाम देते हैं।
लेकिन जब वहां पुलिस पहुंची तो उसने तकरीबन 26 महिलाओं को आपत्तिजनक परिस्थितियों में पाया। फ्रांस ने ग्रेगोरियन बिवोलारु से जुड़े मामलों की जांच जुलाई महीने में शुरू की थी। बिवोलारु की संस्था पर बलात्कार, मानव तस्करी से लेकर अपहरण के आरोप हैं। साथ ही, इस तरह के आरोपों की भी जांच फ्रांस की सरकार कर रही है जिसमें अपने फॉलोअर्स को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना, महिलाओं को उनकी इच्छा के बगैर जबरन रखना शामिल है।
बिवोलारु पर लग रहे आरोप नए नहीं हैं। उसे साल 2013 में एक नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में रोमानिया में दोषी ठहराया गया था लेकिन तब तक वह रोमानिया छोड़ भाग निकला था। करीब तीन साल के बाद बिवोलारु का फ्रांस की मदद से प्रत्यर्पण हो सका। वह रोमानिया गया तो लेकिन साल 2017 में फिर रोमानिया की सरकार को चकमा देकर भाग निकला। बिवोलारु को तब कुछ शर्तों के साथ जमानत मिली थी लेकिन वह देश छोड़ भाग निकला, मानव तस्करी के मामले में फिनलैंड की सरकार ने भी बिवोलारु को वांटेड करार दिया है।
बिवोलारु ने 1990 के दशक में रोमानिया में मीसा यानी द मूवमेंट फॉर स्पिरिचुअल इंटीग्रेशन इन टू द एब्सोल्यूट की स्थापना की। बाद में जैसा हमने ऊपर बताया, इसे आत्मान के नाम से जाना जाने लगा। बिवोलारु रोमानिया से बाहर निकलकर अपने उस तथाकथित योग को बढ़ावा देता चला गया जिसके मूल में सिर्फ ओर सिर्फ महिलाओं को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना था। जो लोग अब उसकी संस्था के हिस्सा नहीं, उनका कहना है कि वह लोगों को एक दूसरे के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था।