अयोध्या। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को प्रदेश की आध्यत्मिक राजधानी बनाने के लिए जोर-शोर से काम कर रही है। राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ होने के बाद शहर में विकास ने रफ़्तार पकड़ी है। शहरभर में राम भक्तों के आने का सिलसिला भी बढ़ा है। अभी भक्तों को अपने आराध्य भगवान श्री राम तक अयोध्या पहुंचने के लिए सड़क व रेल मार्ग का सहारा लेना पड़ता है लेकिन अब जल्द ही हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचकर भी भक्त अपने प्रभु के दर्शन कर सकेंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा और इस हवाई अड्डे के बनने से रोजाना करीब 300 लोग हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंच सकते हैं और यहां से दूसरे गंतव्य पर जा सकते हैं। अगर सबकुछ प्लान के अनुसार रहा तो इस साल तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। जल्द ही 300 पैसेंजर की क्षमता वाले प्रथम टर्मिनल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा जबकि बाकी के तीन टर्मिनल 2025 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएंगे।
इस एयरपोर्ट की खासियत यह है कि जब यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा तो यह राम मंदिर की तरह ही दिखाई देगा अयोध्या आने वाले लोगों के लिए यह एयरपोर्ट मंदिर पहुंचने से पहले ही मंदिर का मॉडल पेश कर रहा होगा। मंदिर और एयरपोर्ट में काफी समानताएं होंगी अगर इसके स्वरूप की बात करें तो एयरपोर्ट के खंभे हो या फिर बुर्ज, सभी कुछ इस तरह दिखाई देंगे जैसे राम मंदिर का ही रूप है।
इसी एयरपोर्ट में बंसी पहाड़पुर के उसी पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे राम मंदिर बनाया जा रहा है। यही नहीं, खंभे और एयरपोर्ट की इमारत पर राम मंदिर की तरह नक्काशी भी दिखाई देगी। टर्मिनल में रामायण के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाने वाले चित्र भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही टर्मिनल को कुछ इस तरीके से बनाया जा रहा है ताकि वर्षा जल का भी संचयन हो सकेगा और ज्यादा से ज्यादा काम सौर ऊर्जा के जरिए पूरा किया जा सकेगा।
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में 6000 वर्ग मीटर में टर्मिनल भवन का निर्माण, साथ ही 2200 मीटर की लंबाई और 45 मीटर की चौड़ाई तक रनवे का विस्तार हो रहा है। प्रथम चरण के टर्मिनल निर्माण के साथ इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में ड्रोन कंट्रोल टावर टैक्सीवे स्टेप, एक फायर वॉच टावर फायर स्टेशन और 1 एंटी हाईजैक कंट्रोल रूम का भी निर्माण किया जा रहा है।