झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस से पुलिस भिड़ गई। असिस्टेंट पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन में बवाल हो गया। ये सहायक पुलिसकर्मी में वेतन वृद्धि और स्थायीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारी सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज किया। प्रोटेस्ट कर रहे सहायक पुलिसकर्मी भी डंडे चलाते हुए दिखते हैं।
रांची में बड़ी संख्या में सहायक पुलिसकर्मी में सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए। प्रदर्शन में शामिल सहायक पुलिसकर्मियों की संख्या हजारों में थी। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 2017 में उनको बहाल किया गया था। अभी तक उनको महज 10 हजार रुपये ही वेतन मिलता है। ऐसे में उनको न्यूनतम वेतन और नौकरी का स्थायीकरण किया जाए। प्रोटेक्ट में काफी दूर-दूर से सहायक पुलिसकर्मी शामिल हुए थे।
बड़ी संख्या में सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास का घेराव करने के लिए इकट्ठा हुए। ये सभी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर वहां पहुंचे हुए थे। इससे पहले इन्होंने मुराबादी मैदान में प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से सीएम आवास की ओर बढ़े। सहायक पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। हालात बेकाबू होते देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने इन सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज किया।
झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की साल 2017 में नियुक्ति हुई। सरकार ने तब इनको संविदा पर रखा था। इनका मानदेय 10 हजार रुपये प्रति महीना तय किया था। सहायक पुलिसकर्मियों के पद पर बहाल हुए सभी अभ्यर्थियों को 3 साल के बाद स्थायी करने की बात कही गई। आज 7 साल हो गए हैं, इनमें से किसी की भी नौकरी पक्की नहीं हुई है। यही वजह है कि ये सहायक पुलिसकर्मी वेतन वृद्धि और नौकरी का स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं और हड़ताल पर चले गए हैं।