चंडीगढ़। हरियाणा में शराब और बीयर सस्ती होने वाली है। राज्य सरकार ने शराब और बीयर पर ड्यूटी कम करने तथा गुड़गांव, फरीदाबाद और पंचकूला में बार का समय रात एक बजे तक बढ़ाया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2020-21 के लिये नई आबकारी नीति स्वीकृति प्रदान की गई, जो एक अप्रैल, 2020 से लागू होगी। बैठक के बाद उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास आबकारी एवं कराधान विभाग का प्रभार भी है, ने संवाददाताओं को सम्बोधित करते बताया कि वर्ष के लिये शराब के ठेकों की संख्या 2500 से बढ़ाकर 2600 की जाएगी और शहरों में ठेके नहीं खोले जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में गांव की आबादी से बाहर ठेके खोलने की अनुमति होगी। अब तक 872 पंचायतों से शराब के ठेके गांव से बाहर खोलने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिन पर आबकारी आयुक्त आवश्यक सुनवाई के बाद अपने स्तर पर निणर्य लेंगे।
उन्होंने बताया कि ठेकों की नीलामी में एकाधिकार खत्म करने के लिए छह ठेकों के जोन को घटाकर अब दो ठेकों का जोन बनाया गया है अर्थात दो ठेकेदार मिलकर निविदा में भाग ले सकते हैं। आबंटन के लिए ई-निविदा की प्रक्रिया जारी रहेगी। इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी और नये कारोबारियों को मौका भी मिलेगा। डिस्टलरीज से बाहर शराब ले जाने वाली गाड़यिों की निकासी प्रात: नौ बजे से सायं पांच तक ही होगी और सभी की निगरानी सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस के माध्यम से चंडीगढ़ से की जाएगी। शराब के ठेकों पर बिक्री के लिए पीओएस मशीन अनिवार्य होगी। खरीददार द्वारा बिल मांगे जाने पर ठेकेदार को बिल देना अनिवार्य होगा, अन्यथा 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जो पहले 500 रुपये था।
ठेके के साथ अनुमत कक्ष में परोसे जाने वाली खाद्य सामग्री भारतीय खाद्य सुरक्षा नियमों के मानकों के अनुरूप ही मान्य होगी। चौटाला के अनुसार उपभोक्ताओं को बेहतर स्तर की शराब सुनिश्चित करने और इस ट्रेड को और सुचारू बनाने के लिए निर्णय लिया गया है कि खुदरा लाइसेंसधारकों द्वारा बिक्री का इनवॉइस जारी किया जाएगा। सभी खुदरा ठेकों पर भारत में बनी अंग्रेजी शराब (आईएफएमएल) और देसी शराब के लिए एक अलग पीओएस मशीन लगाना अनिवार्य होगा। समारोहों एवं पार्टियों में शराब परोसने के लिए एक दिन के अस्थाई लाइसेंस के लिए फार्म एल-12ए को आॅनलाइन किया जाएगा। शुल्क ढांचे को और तर्कसंगत बनाया गया है। समारोह एवं पार्टियां आयोजित करने वाले वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए स्वयं को आबकारी एवं कराधान विभाग से स्वयं को पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा। वाणिज्यिक स्थलों में एल-12ए की लाइसेंस फीस 7500 रुपये निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, अपने निजी स्थलों पर शराब परोसने के लिए व्यक्ति को लाइसेंस के लिए अब 500 रुपये के बजाए 1000 रुपये की फीस देनी होगी।