मंदसौर। मंदसौर में सोमवार को ईद मिलादुन्नबी का जुलूस जब नेहरू बस स्टैंड से निकल रहा था तभी यहां स्थित श्री बड़े बालाजी मंदिर पर जुलूस के बीच में से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थर फेंका। इससे मंदिर परिसर में खड़ा एक व्यक्ति घायल हो गया। इसके बाद लोगों के बीच विवाद शुरु हो गया। एसपी आशुतोष आनंद, एएसपी गौतम सिंह, सहित पुलिस बल ने मोर्चा संभाला।
मंदिर में पत्थर फेंकने और एक व्यक्ति के घायल होने से हिंदू संगठन के पदाधिकारी आक्रोशित हो गए। मंदिर के बाहर सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। हिंदू संगठन ने मांग की कि पत्थर फेंकने वाले आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। वहीं जुलूस में विवाद की खबर के बाद शहर के कई बाजारों में दुकानदार शटर गिराकर जाने लगे।
पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद मुस्लिम समाज के जुलूस को गंतव्य तक पहुंचाया। इसी दौरान बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी एकत्र हो गए। काफी देर तक पुलिस और हिंदू कार्यकर्ताओं के बीच बहस के बाद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो सख्त कदम उठाएगा।
भाजपा नेता गौरव अग्रवाल और विनय दुबेला ने बताया कि हिंदू संगठनों ने प्रशासन को पहले ही आगाह किया था कि मुस्लिम जुलूस के मार्ग में आने वाले हिंदू मंदिरों में पुलिस की विशेष व्यवस्था की जाए। हालांकि, प्रशासन ने इसे हल्के में लिया और मुस्लिम पक्ष में शामिल असामाजिक तत्वों ने प्लानिंग के तहत पत्थर फेंके। इससे दोनों पक्षों में माहौल गर्मा गया।
बालाजी मंदिर के पुजारी शरद द्विवेदी ने बताया कि हम मंदिर में बैठे थे। जुलूस निकल रहा था इसी दौरान जुलूस के बीच में से एक पत्थर पास बैठे सहयोगी के सिर में लगा। एक पत्थर से मेरे पैर में भी चोट लगी। विरोध करने पर कुछ पत्थर और चप्पल हमारे ऊपर फेंके गए थे। मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने मंदिर पुजारी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया है। एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि अब सब शांत है। असामाजिक तत्वों की धरपकड़ जल्द ही की जाएगी।