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लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है, नागरिकों के अधिकारों को कुचलने का नही: अखिलेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 21 2020 1:00AM | Updated Date: Feb 21 2020 1:00AM
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा)अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है लेकिन भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) शासन में असहमति जताने पर नागरिकों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है और नागरिकों के अधिकारों को कुचलने का नही। उन्होंने कहा कि भाजपा नागरिकों के अधिकारों को कुचलना अपनी बहादुरी मानती है। भाजपा सरकार के कारण राज्य में अराजकता व्याप्त है।

प्रदेश की बड़ी आबादी दहशत में है। दबंगों ने गरीबो का जीना दुश्वार कर रखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने नैतिकता को ताक पर रखकर असत्य को स्थापित करने की प्रतियोगिता शुरू कर दी है। भाजपा के अहंकार से ऊबी जनता का भरोसा समाजवादी पार्टी और उसकी सरकार के समय हुए तमाम विकासकार्यों पर है। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा 351 विधायकों के साथ फिर सरकार बनेगी। यादव ने कहा कि ‘जो सड़क पर आया था मरने के लिए आया था‘ मुख्यमंत्री का यह कथन पद की गरिमा के प्रतिकूल निम्नस्तरीय है।

यह भाषा अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि जितने लोग मरे हैं वे पुलिस की गोली से मरे हैं। उन्होंने कहा कि एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का दावा किया गया है लेकिन कैसे हासिल किया जाएगा इसकी कोई रूपरेखा नहीं आई है। राज्य में कानून व्यवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुई है। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को गौमाता की भी चिंता नहीं। गौशालाओं में चारा-पानी के अभाव में वे मर रही है।

शहरों, खेतों और सड़कों पर सांड़ो का साम्राज्य है। आवारा पशु किसानों की फसल खा रहे हैं। भाजपा सरकार दावा करती है कि दो लाख करोड़ निवेश आया है इसकी सच्चाई क्या है। निवेश के आंकड़े क्यों छुपाए जा रहे हैं। एमओयू के बाद कहां कौन से उद्योग लगे। एमओयू को ही निवेश नहीं मान लेना चाहिए। 

 
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