नई दिल्ली। रमेशबाबू प्रगनंदा के इतिहास रचने का सिलसिला जारी है। आर प्रगनंदा अपने करियर में पहली बार नंबर-1 भारतीय चेस खिलाड़ी बने हैं। 18 साल के प्रगनंदा ने मंगलवार को यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने नीदरलैंड्स के विक आन जी में टाटा स्टील मास्टर्स में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डिंग लाइरेन को मात दी।
18 साल के प्रगनंदा ने लाइव क्लासिकल चेस रैंकिंग्स में अपने आदर्श विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ा। प्रगनंदा को दो स्थान का फायदा हुआ, जिसके बाद वो 2748.3 रेटिंग के साथ 11वें स्थान पर पहुंचे। उनके विश्वनाथन आनंद से 0.3 रेटिंग ज्यादा है। प्रगनंदा ने सनसनीखेज जीत दर्ज करके प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के चौथे राउंड में प्रवेश किया। विश्वनाथन आनंद के बाद प्रगनंदा दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने, जिन्होंने क्लासिकल चेस में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन को शिकस्त दी।
काले मोहरों के साथ खेल रहे प्रगनंदा ने शुरुआत में ही बढ़त हासिल की और इसे पूरे समय बरकरार रखा। प्रगनंदा की डिंग लाइरेन पर जीत चार मुकाबलों में पहली जीत भी रही। इससे पहले की तीन बाजियां वो ड्रॉ करा चुके हैं। प्रगनंदा की वर्ल्ड चैंपियंस को मात देने की क्षमता के बाद उनकी तुलना विश्वनाथन आनंद से होने लगी है, जो खुद पांच बार के वर्ल्ड चेस चैंपियन और भारत के पहले ग्रैंड मास्टर बने।
भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया के जरिये युवा चेस खिलाड़ी को बधाई दी है। तेंदुलकर ने पोस्ट किया, ''आर प्रगनंदा को वर्ल्ड चैंपियन डिंग लाइरेन के खिलाफ इस शानदार जीत के लिए शुभकानाएं। 18 साल की युवा उम्र में आप न केवल खेल पर हावी हुए, लेकिन साथ ही भारत के नंबर-1 खिलाड़ी भी बने।''
प्रगनंदा का शीर्ष रैंक भारतीय खिलाड़ी बनने का सफर आसान नहीं था। वह 2023 फिडे वर्ल्ड कप में चमके, जहां रनर्स-अप रहे। फाइनल में प्रगनंदा को मैगनस कार्लसन से शिकस्त मिली थी। फिर बाकू में शानदार प्रदर्शन करके प्रगनंदा ने शतरंज जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा। प्रगनंदा विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने जो चेस वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचे। उन्होंने हिकारु नाकामुरा और फेबिया कैरुआना पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। प्रगनंदा ने वर्ल्ड कप में टॉप-3 में रहकर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में अपनी जगह पक्की की।