नई दिल्ली। महादेव सट्टेबाजी घोटाले के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी ईडी के अनुरोध पर जारी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर की गई थी। ईडी ने विदेश मंत्रालय (एमईए) और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। अधिकारियों के अनुसार, यूएई के अधिकारियों ने कल आधिकारिक तौर पर विदेश मंत्रालय (एमईए) से संपर्क किया और उन्हें दुबई में सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया।
ईडी के एक्शन पर 2023 में सौरभ चंद्राकर को दुबई में पुलिस ने डिटेन किया था। तब से उसे घर में नजरबंद किया गया था। ईडी सूत्रों का कहना है कि अब लगभग सभी औपचारिकताए पूरी हो चुकी हैं और अगले 10 दिनों में उसे भारत डिपोर्ट कर लिया जाएगा। महादेव ऐप मामले में कुछ नेताओं के भी नाम सामने आए थे।
पिछले साल दिसंबर में चंद्राकर को दुबई के घर में नजरबंद कर दिया गया था। रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत को सौंपी गई अपनी प्रारंभिक चार्जशीट में ईडी ने चंद्राकर, उप्पल और कई अन्य लोगों का नाम लिया था। आरोप पत्र में सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर के एक बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि 2019 में सौरभ के दुबई जाने से पहले, वह छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपने भाई के साथ 'जूस फैक्ट्री' नामक जूस की दुकान चलाता था।
ईडी ने आरोप लगाया है कि सौरभ की शादी फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में हुई थी और इस आयोजन पर लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए थे। इसमें भारत से रिश्तेदारों को लाने-ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लेना और मशहूर हस्तियों को भुगतान करना शामिल था। ईडी का अनुमान है कि इस मामले में लगभग 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप को संयुक्त अरब अमीरात से संचालित किया जाता है।