बीजिंग। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है। फाइटर जेट से लेकर पनडुब्बी और युद्धपोत बनाने के बाद अब चीन ने एक ऐसा विमान बनाया है जो पानी और जमीन दोनों पर उतर सकता है और दोनों ही जगहों से उड़ान भी भर सकता है। इस तरह के विमानों को उभयचर विमान या एंफीबियस प्लेन कहा जाता है।
इस विमान का कोड नेम एजी 600 कुनलोंग है जिसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। यह इस तरह का दुनिया का सबसे बड़ा विमान है। इतना ही नहीं यह पूरी तरह से चीन में बनाया गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस विमान को एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन आॅफ चाइना द्वारा तैयार किया गया है। टेस्ट फ्लाइट के दौरान इसको शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 8.51 पर झांगी रिजर्वोयर पर उतारा गया। यह जगह जिंगमेन प्रांत में स्थित है। परिक्षण के समय इस विमान पर पायलट संग कुल चार लोग जिसमें क्रू मेंबर शामिल थे, सवार थे। इससे पहले इस विमान इसी माह की शुरुआत में इस विमान का पहली बार 145 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर वाटर टेक्सिंग ट्रायल किया गया था।
अगले साल तक बना लेगा सबसे बड़ा एंफीबियस वारशिप
चीन दुनिया का सबसे बड़ा एंफीबियस वारशिप बना रहा है। गौरतलब है कि चीन की नौसेना अमेरिका के बाद दूसरी सबसे ताकतवर नौसेना है। यह वारशिप अगले वर्ष 2019 तक बनकर तैयार हो जाएगा और 2020 में इसको सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसको बनाने के पीछे दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका से बढ़ता तनाव है। लिहाजा चीन की योजना इस युद्धपोत को वहां पर तैनात करने की है।
12 घंटे तक भर सकता है लगातार उड़ान
इस विमान की खासियत है कि इसका इंजन भी पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। इसके अलावा यह 12 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। समुद्र में बचाव के दौरान यह विमान अहम भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा जंगलों की आग बुझाने, समु्द्री सीमाओं की निगरानी में भी यह कारगर भूमिका निभा सकता है। इस विमान के परिक्षण की शुरूआत पिछले वर्ष दिसंबर में हुई थी, इसके बाद से इसके कई चरण के परिक्षण हो चुका है।
बना चुका है सुपर कंप्यूटर
20 जून 2016 में चीन ने अपने नए सुपर कंप्यूटर की शुरूआत पूर्वी चीन के वूक्सी से की थी। इसको जर्मनी में हुई कांफ्रेंस में इसे दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर का दर्जा दिया गया था। इसको पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया था। यह सुपर कंप्यूटर 93 बिलियन प्रति सेकंड की गति से गणना कर सकता है। चीन के गुईझाऊ प्रांत में दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलिस्कोप लगा है।